राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इन्कार , जयपुर में बम ब्लास्ट का मामला
राजधानी जयपुर में 13 मई 2018 को हुए एक के बाद एक धमाकों में 71 लोग मारे गए थे और 185 घायल हुए थे। जस्टिस एएस ओका और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने हालांकि हाईकोर्ट के 29 मार्च के फैसले में पारित एक निर्देश पर रोक लगा दी, जिसमें राज्य के पुलिस महानिदेशक को मामले में शामिल जांच अधिकारी और अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ जांच का आदेश देने के लिए कहा गया था। फैसले पर रोक लगाने से इन्कार करते हुए पीठ ने कुछ शर्तें लगाईं और निर्देश दिया कि बरी किए गए चार लोगों को किसी अन्य मामले में वांछित होने तक रिहा किया जाए।
राजस्थान सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने कहा, राजस्थान सरकार के वकील मनीष सिंघवी के साथ पेश हुए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने पीठ से हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए कहा, बरी किए गए लोगों को गंभीर अपराध के लिए दोषी ठहराया गया और मौत की सजा दी गई। वहीं पीड़ितों के परिवारों की ओर से वकील मनींदर सिंह और आदित्य जैन ने भी हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की। पीठ ने कहा, हम यांत्रिक रूप से इस आदेश पर कोई रोक नहीं लगाएंगे। पहले बरी किए गए लोगों का पक्ष सुनेंगे उसके बाद ही कोई फैसला लेंगे। इस मामले में अगली सुनवाई नौ अगस्त को होगी।