सुप्रीम कोर्ट ने राघव चड्ढा की याचिका पर राज्यसभा सचिवालय से मांगा जवाब, 30 अक्तूबर को सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने राघव चड्ढा की याचिका पर राज्यसभा सचिवालय से मांगा जवाब, 30 अक्तूबर को सुनवाई
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उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को राघव चड्ढा की याचिका पर विचार करने पर सहमति जताई है। उन्होंने राज्यसभा से अनिश्चितकालीन निलंबन को चुनौती है। इसके साथ शीर्ष अदालत ने इस मुद्दे पर फैसला करने में अटॉर्नी जनरल की मदद मांगी।  मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने चड्ढा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी और वकील शादान फरासत की दलीलों पर गौर किया। उनके अधिवक्ताओं ने अदालत से कहा था कि निलंबन उस विशेष सत्र से आगे नहीं बढ़ाया जा सकता, जिस दौरान सदस्य को निलंबित करने का निर्णय लिया गया था। 

शीर्ष अदालत ने केवल राज्यसभा सचिवालय को उस याचिका पर नोटिस जारी किया जिस पर 30 अक्तूबर को सुनवाई होगी। चड्ढा ने राज्यसभा सचिवालय के अलावा सदन के अध्यक्ष (चेयरपर्सन) और विशेषाधिकार समिति को अपनी याचिका में पक्षकार बनाया था।  अधिवक्ता द्विवेदी ने कहा कि वह फिलहाल याचिका में कोई अंतरिम राहत नहीं मांग रहे हैं। राज्यसभा में 11 अगस्त को सदन के नेता पीयूष गोयल द्वारा पेश एक प्रस्ताव पारित किया था। इसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक,  2023 पर विचार करने के लिए प्रस्तावित प्रवर समिति में उच्च सदन के कुछ सदस्यों के नाम उनकी सहमति के बिना शामिल करने के लिए आप नेता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। चड्ढा को मानसून सत्र के अंतिम दिन 'नियमों के घोर उल्लंघन, कदाचार, अवज्ञाकारी रवैये और अवमाननापूर्ण आचरण' के लिए निलंबित कर दिया गया था।

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