स्वदेशी जागरण मंच ने की कोरोना वैक्सीन व दवाओं को पेटेंट मुक्त करने की मांग
भीलवाड़ा (हलचल)। कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले रखा है। भीलवाड़ा जिले के चिकित्सालयों में वेंटिलेटर खाली नहीं है, लोग तड़प रहे हैं। महामारी के उपचार के काम आने वाली दवाएं भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हैं। जिन लोगों का वैक्सीनेशन हो गया है, उनमें इस बीमारी का खतरा कम दिखाई दे रहा है। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति का टीकाकरण होना चाहिए क्योंकि यह जीवन बचाने के लिए आवश्यक है। सरकार ने 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग वालों के लिए टीकाकरण शुरू तो कर दिया है लेकिन टीकों की अनुपलब्धता के कारण कारगर नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में टीकों का उत्पादन बढ़ाना ही एकमात्र उपाय है। टीकों का उत्पादन बढ़ाने में पेटेंट कानून बाधक है। ऐसे में पेटेंट मुक्त कर अन्य कंपनियों को भी टीका उत्पादन की अनुमति देनी चाहिए।
स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत सह संयोजक महेशचंद्र नवहाल ने बताया कि पेटेंट कानून को रद्द कर वैक्सीन व दवाओं के उत्पादन को बढ़ाना चाहिए। बिल गेट्स ने भारत एवं अन्य विकासशील राष्ट्रों को टीकों के निर्माण की स्वीकृति देने से मना करने की बात कही है जिसका मंच विरोध करता है। यह इस सदी की वीभत्स महामारी के समय में भी कॉरपोरेट लालच की एक और अभिव्यक्ति है।