अमरनाथ यात्रियों के वाहनों पर चुंबकीय बम लगाने की नापाक कोशिश कर सकते हैं आतंकी
जम्मू-कश्मीर में पवित्र अमरनाथ यात्रा प्रारंभ हो गई है। केंद्रीय सुरक्षा बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों ने यात्रा की सुरक्षा के लिए अभेद योजना बनाई है। पुख्ता सुरक्षा इंतजामों के बावजूद यात्रियों को कुछ सावधानियां बरतने की हिदायत दी गई है। यह एक तरह से अमरनाथ यात्रियों के लिए बड़ी चेतावनी भी है। सुरक्षा एजेंसियों को ऐसे इनपुट मिले हैं कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन, इस बार यात्रा पर बुरी नजर डालने की योजना बना रहे हैं। आतंकियों ने अपना तरीका भी बदला है। वे जानते हैं कि उन्हें सीधे तौर पर यात्रियों पर हमला करने का कोई मौका नहीं मिलेगा। ऐसे में वे यात्रियों के वाहनों पर चुंबकीय बम लगाने की नापाक कोशिश कर सकते हैं। इसके लिए आतंकी संगठनों ने घाटी में मौजूद अपने 'ओवर ग्राउंड वर्कर्स' को तैयार किया है। वे लोगों के बीच रहकर इस तरह की वारदात को अंजाम देने का प्रयास कर सकते हैं। यही वजह है कि सुरक्षा बलों ने यात्रियों को अपनी गाड़ियों के नीचे और चारों तरफ घूमकर उसे जांच लेने की हिदायत दी है।
चुंबकीय बम का इस्तेमाल
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, पाकिस्तान के आतंकी संगठन, अमरनाथ यात्रा में बाधा डालने के लिए छटपटा रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों को जो इंटेलिजेंस इनपुट मिल रहे हैं, उनमें दहशतगर्दों ने इस बार चुंबकीय बम का इस्तेमाल करने की रणनीति बनाई है। वजह, आतंकी सीधे तौर हमला नहीं कर सकते, क्योंकि ऐसा करने पर उनका मारा जाना तय है। दूसरा, इस तरह के हमले का उन्हें कोई अवसर भी नहीं मिलेगा। 'लश्कर-ए-तैयबा' की 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ), 'जैश-ए-मोहम्मद' की सक्रिय प्रॉक्सी विंग 'पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट' (पीएएफएफ), यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट जम्मू कश्मीर (यूएलएफजेएंडके), मुजाहिद्दीन गजवत-उल-हिंद (एमजीएच), जम्मू कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स (जेकेएफएफ) और कश्मीर टाइगर्स जैसे आतंकी संगठनों ने चुंबकीय बम का इस्तेमाल करने की रणनीति बनाई है। पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्रालय में अमरनाथ यात्रा की तैयारियों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई एक हाई लेवल बैठक में भी इस तरह के खतरे पर चर्चा की गई थी।
शॉर्प शूटर तैनात
सूत्रों के मुताबिक, अमरनाथ यात्रा के दौरान सबसे बड़ा खतरा चुंबकीय बम को लेकर है। दूसरे नंबर पर 'आईईडी' और तीसरे पर 'ड्रोन' हमला है। सुरक्षा बलों ने ड्रोन हमले से बचाव के लिए यात्रा के मार्ग पर शॉर्प शूटर तैनात किए हैं। इसके अलावा कई जगहों पर ऐसे तकनीकी उपकरण भी लगाए हैं, जिनकी मदद से ड्रोन को जाम किया जा सकता है। चूंकि हर जगह पर रोड ओपनिंग पार्टी लगी हैं, ऐसे में आतंकियों को सड़क पर आईईडी लगाने का मौका मिलेगा, ऐसी बहुत कम संभावना है। अब इसके बाद चुंबकीय बम ही बचता है। इसका इस्तेमाल आतंकी संगठन अपने ओवर ग्राउंड वर्कर की मदद से कर सकते हैं। यात्रियों के वाहनों पर इसे चिपका सकते हैं। इसमें टाइमर लगा होता है, ऐसे में आतंकी किसी विशेष जगह या समय पर विस्फोट कर सकते हैं। जम्मू कश्मीर पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बल, यात्रियों के वाहनों पर नजर रख रहे हैं। लाल बत्ती या किसी दूसरी जगह पर यात्रियों की गाड़ियों पर खास निगरानी रहती है।
स्कैनर से गुजरेंगे वाहन
अमरनाथ यात्रा के लिए इस बार विशेष शिविरों की दूरी घटाई गई है। रोड ओपनिंग पार्टी की संख्या बढ़ी है। जम्मू कश्मीर पुलिस की इंटेलिजेंस विंग और सुरक्षाबलों की मदद से ओवर ग्राउंड वर्कर का पता लगाया जा रहा है। मुखौटे आतंकी संगठन जैसे 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) और पीएएफएफ की गतिविधियों पर खास नजर है। सुरक्षा बलों द्वारा चिपकने वाले बम से रसद वाहनों को बचाने के लिए खास सावधानी बरती जा रही है। यात्रा में शामिल वाहनों को ऐसे स्कैनर से गुजारा जाए, जहां पर किसी भी संदिग्ध वस्तु की पहचान की जा सकती है। आईईडी का पता लगाने के लिए सुरक्षा बलों की कई टीमों का गठन किया गया है। उपकरणों के अलावा खोजी कुत्ते भी इस काम में सुरक्षा बलों की मदद करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसी भी सूरत में आतंकियों की बुरी नजर 'अमरनाथ यात्रा' पर न पड़े। यात्रा के लिए वाहन, ठहराव शिविर, रास्ते में लैंड स्लाइडिंग से मार्ग बाधित होना और आतंकियों से यात्रा की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।