गंगा सम गंभीरी नदी मैली चादर ओढ कर बदहाली पर बहा रही आंसू

गंगा सम गंभीरी नदी मैली चादर ओढ कर बदहाली पर बहा रही आंसू
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चित्तौड़गढ़। शहर के जीवन रेखा गंगा सम गंभीरी नदी जिला प्रशासन तथा नगर परिषद की अनदेखी के चलते पिछले कई दिनों से मैली चादर ओढ कर अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है। सैकड़ो वर्षो से यह नदी शहर वासियों की प्यास बुझाती रही है, जिसमंे भीषण गर्मी के दौरान भी पानी उपलब्ध रहता है, लेकिन शहर के गंदे नालों व नालियों का पानी इसमें गिरने के कारण न केवल यह नदी अपनी पवित्रता खोती जा रही है, बल्कि गंदगी के आगोश लिपटी यह नदी यहां देश विदेश से आने वाले पर्यटकों को प्रशासन की लापरवाही का दंश दर्शाती है। इन दिनों पन्नाधाय सेतु के दोनों ओर नदी का नजारा किसी खेल मैदान से कम नहीं दिख रहा, जहां पानी के बजाय उस पर तैरती काई व जलकुंभी ने पूरी नदी को आगोश में ले रखा है। कमोबेश प्रतिवर्ष इस नदी के ऐसे ही हालात ग्रीष्मकाल में देखने को मिलते है, लेकिन नगर परिषद व प्रशासन के कई अधिकारी दिन भर इसी नदी के ऊपर से गुजरते हुए नजारे को देखकर नजर अंदाज करके निकल जाते है। नगर परिषद के सोच यह रही है कि वर्षा काल में स्वतः ही नदी का जल स्तर बढने पर यह गंदगी बहकर चली जाएगी।
 

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