जिन्दा पशु निर्यात के फैसले पर जैन समाज हुआ आग बबूला मुनिश्री सुधासागर जी महाराज ने इसे भारत माता के माथे पर कलंक बताया

जिन्दा पशु निर्यात के फैसले पर जैन समाज हुआ आग बबूला मुनिश्री सुधासागर जी महाराज ने इसे भारत माता के माथे पर कलंक बताया
X


भोपाल। भारत से मांस निर्यात के बाद अब जिन्दा पशु निर्यात करने के फैसले पर देश भर का जैन समाज आग बबूला हो गया है। जैन मुनिश्री सुधासागर जी महाराज ने केन्द्र सरकार के इस फैसले को भारत के माथे पर कलंक बताते हुए कहा कि शाकाहारी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से ऐसी उम्मीद नहीं थी। उन्होंने इस फैसले को तत्काल वापस लेने को कहा है। भारत सरकार के पशु पालन विभाग ने पशु आयात और निर्यात विधेयक 2023 का ड्राफ्ट 7 जून को तैयार किया है। इस पर 17 जून तक आपत्ति व सुझाव मांगे गये हैं। इस ड्राफ्ट में आश्चर्यजनक रूप से मवेशियों और जानवरों को कमोडिटी के रूप में परिभाषित किया गया है। उन्हें लाइव स्टाॅक एक्सपोर्ट करने की कानूनी मान्यता मिल जाएगी। यह ड्राफ्ट संविधान के प्रावधानों और भावना के खिलाफ है। इस अधिनियम के पारित होते ही देश से मांस निर्यात की तरह जिन्दा मवेशी निर्यात होने लगेगी। पशु प्रेमी से कानून आहत हैं।
सुधासागर ने किया आव्हान
जैन मुनि श्री सुधासागर जी महाराज ने झांसी के करगंवा में एक धर्मसभा को संबोधित करते हुए इस प्रस्तावित अधिनियम का तीखा विरोध करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि केवल जैन समाज नहीं देशभर के शाकाकारी समाज को आगे आना चाहिए और इस कानून का डटकर विरोध करना चाहिए।
सागर में विरोध
सागर जैन समाज के अध्यक्ष मुकेश जैन ढाना ने कहा कि सरकार को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए एक तरफ जैनाचार्य श्री विद्यासागर महाराज पशुओं के संरक्षण और रक्षा के लिए लगातार पूरे भारत भर में लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।

Next Story