मल्हारगढ़ में भाजपा के जगदीश देवड़ा की सबसे बड़ी जीत व निर्दलीय उम्मीदवार श्यामलाल जोकचन्द को मिले मतों ने सबको चौंकाया
पिपलिया स्टेशन (जेपी तेलकार)। मल्हारगढ़ विधानसभा चुनाव परिणाम ने सभी को चौंका दिया। भाजपा उम्मीदवार जगदीश देवड़ा ने संसदीय क्षेत्र सबसे बड़ी जीत दर्ज की तो निर्दलीय चुनाव लड़े श्यामलाल जोकचन्द दूसरे स्थान पर रहे वहीं कांग्रेस उम्मीदवार परशुराम सिसोदिया तीसरे नम्बर पर रहते हुए बमुश्किल अपनी जमानत बचा पाए। संसदीय क्षेत्र में आजादी के बाद पहली बार निर्दलीय उम्मीवार के रुप में सर्वाधिक मत लाने में श्यामलाल जोकचन्द का नाम इतिहास में शामिल हो गया है।
गुटबाजी के चलते नही मिला टिकिट तो निर्दलीय लड़े:-
उल्लेखनीय है कि पिछले 25 वर्षों से विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रहकर किसानों व आमजन के हित में लड़ाई लड़ रहे श्यामलाल जोकचन्द ने इस बार कांग्रेस से टिकट मांगा था। लेकिन गुटबाजी के चलते कांग्रेस ने उन्हें टिकट नही देते हुए 2018 में 11872 वोटों से चुनाव हारे परशुराम सिसोदिया को ही पुनः टिकिट दे दिया। सर्वे में जोकचन्द का नाम प्रमुखता से था। टिकिट कटने से नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जोकचन्द को निर्दलीय चुनाव लड़वाया। नतीजा यह रहा है कि जोकचन्द को विधानसभा क्षेत्र में मदताताओं ने काफी पसन्द किया और उनके पक्ष में मतदान किया, हालांकि वे चुनाव नही जीत पाए, लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार से भी ज्यादा मत लाकर उनकी उपस्थिति ने सबको चौंका दिया। मंदसौर संसदीय क्षेत्र में आजादी के बाद हुए विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार जोकचन्द को सर्वाधिक 26.5 प्रतिशत मत मिले है। जोकचन्द को मिले मतों ने राजनैतिक दलों को भी चौंका दिया। कांग्रेस पार्टी जोकचन्द को टिकिट देती तो मुकाबला बराबरी का हो सकता था। टिकट नही मिलने के बाद मात्र 12 दिन की तैयारी में जोकचन्द यह चुनाव लड़ा, इस चुनाव में लगने वाला खर्च भी कार्यकर्ताओं व समर्थकों ने वहन किया।
भाजपा के जगदीश देवड़ा की सबसे बड़ी जीत:-
परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई मल्हारगढ़ विधानसभा सीट पर भाजपा के उम्मीदवार, वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा की यह जीत सबसे बड़ी रही। जीत इतनी बड़ी होगी, इसकी किसी को भी उम्मीद नही थी। भाजपा व कांग्रेस के नेता भी 5 से 10 हजार के बीच हार-जीत होने का अनुमान लगा रहे थे। लेकिन 2 लाख 13 हजार 94 मतों की गणना में इस चुनाव में जगदीश देवड़ा को 115498 (86. 91 प्रतिशत) मत लाकर सर्वाधित कतों से चुनाव जीते। वहीं निर्दलीय उम्मीदवार श्यामलाल जोकचन्द 56474 (26.5 प्रतिशत) मत लाकर दूसरे स्थान पर रहे और कांग्रेस उम्मीदवार परशुराम सिसोदिया 36163 (16.97) मत लाकर तीसरे स्थान पर रहते हुए बमुश्किल अपनी जमानत बचा पाए। श्यामलाल जोकचन्द अपने गांव काचरिया चन्द्रावत के पोलिंग 69 व 97 से सर्वाधिक वोट से चुनाव जीते। वहीं कांग्रेस उम्मीदवार परशुराम सिसोदिया अपने गांव झावल में पोलिंग 268 पर चुनाव हार गए वहीं 269 पर चुनाव जीत पाए। इस चुनाव में बसपा उम्मीदवार नरेन्द्र मालवीय को 1209, निर्दलीय उम्मीदवार जिला पंचायत सदस्य बसन्तीलाल मालवीय को 1201 व लालचन्द मेघवाल को 819 मत मिले। इन उम्मीदवारों की तुलना में नोटा को इनसे भी ज्यादा 1730 मत मिले।