सौंपी जा सकती है राजस्थान BJP की कमान , चित्तौड़गढ़ सांसद जोशी की दावेदारी भी तगड़ी
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का राजस्थान से गहरा नाता है, वह वर्तमान में राजस्थान से ही राज्यसभा सदस्य हैं। साल 2013 में तीन चौथाई से ज्यादा सीटें लाने वाली बीजेपी की जीत का श्रेय उनको भी था। क्योंकि वे उस समय राजस्थान के प्रभारी थे। यादव की शिक्षा राजस्थान के अजमेर में हुई है। श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ सांसद निहालचंद मेघवाल और चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी की दावेदारी भी तगड़ी बताई जा रही है। इसी तरह पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी को भी दोबारा कमान सौंपी जा सकती है।
बता दें कि छात्र राजनीति से उन्होंने अजमेर से विद्यार्थी परिषद का दामन थामा था। बाद में दिल्ली में अरुण जेटली के साथ सुप्रीम कोर्ट मैं प्रैक्टिस की और पीएम नरेंद्र मोदी तथा अमित शाह के नजदीकी बन गए। कई साल से पार्टी के पदाधिकारी रहने के बाद केंद्रीय मंत्री बने, उन्हें इन दोनों का मोदी और शाह का विश्वसनीय और नजदीकी व्यक्ति माना जाता है। इसलिए उन्हें बहुत सोच समझकर राजस्थान भेजने का फैसला लिया जा सकता है।
बीजेपी नेताओं में हड़कंप...
यादव राजस्थान में वसुंधरा राजे फैक्टर को भी संभाल लेंगे और अन्य नेताओं को भी साध लेंगे। जबकि दूसरी ओर उनके नाम की चर्चा के बाद राजस्थान के नेताओं में हड़कंप मच गया है। क्योंकि मोदी और शाह के नजदीकी होने के कारण हर नेता को उन्हें सहयोग करना होगा और पार्टी लाइन के हिसाब से चलना होगा। पार्टी के कार्यकर्ता भी मान रहे हैं कि भूपेंद्र यादव राजस्थान में 2023 में सत्ता लाने में महत्वपूर्ण किरदार साबित हो सकते हैं। यादव के राजस्थान बीजेपी में गहरी जड़े हैं, हर नेता के अच्छे और सच्चे मित्र भी माने जाते हैं।