कोर्ट ने 10 साल बाद प्रोफेसर को सभी आरोपों से किया बरी, ममता बनर्जी का ईमेल से भेजा था कार्टून

कोर्ट ने 10 साल बाद प्रोफेसर को सभी आरोपों से किया बरी, ममता बनर्जी का ईमेल से भेजा था कार्टून
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प्रोफेसर अंबिकेश महापात्रा ने ई-मेल के जरिए कुछ लोगों को ममता बनर्जी का कार्टून फॉरवर्ड किया था। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कल लिया गया था। महापात्रा के खिलाफ पूर्व जादवपुर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, बाद में उन्हें एक अदालत ने जमानत दे दी थी। 

 

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने किया आरोपों से मुक्त
10वीं अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने दोपहर को महापात्रा को उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों से बरी कर दिया।  न्यायाधीश ने अलीपुर अदालत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के 14 सितंबर, 2021 के आदेश को रद्द किया, जिसने मामले से आरोपमुक्त करने के महापात्रा के अनुरोध को खारिज कर दिया था। 
 

 

ई-मेल के जरिए फॉरवर्डे किया था ममता बनर्जी का कार्टून
प्रोफेसर अंबिकेश महापात्रा ने ई-मेल के जरिए कुछ लोगों को ममता बनर्जी का कार्टून फॉरवर्ड किया था। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कल लिया गया था। महापात्रा के खिलाफ पूर्व जादवपुर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, बाद में उन्हें एक अदालत ने जमानत दे दी थी। 
 

 

14 अप्रैल 2012 को गिरफ्तार हुए थे प्रोफेसर महापात्रा
दिनेश त्रिवेदी की जगह ममता बनर्जी के रेल मंत्री बनने के बाद महापात्रा ने उनका एक कार्टून फॉरवर्ड किया था। यह कार्टून सत्यजीत रे की 1974 की जासूसी फिल्म सोनार केल्ला पर आधारित था, जिसमें मुकुल नाम का किरदार था। जादवपुर यूनिवर्सिटी में केमिस्ट्री के प्रोफेसर महापात्रा को 14 अप्रैल 2012 को गिरफ्तार किया गया था।

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