जीएसटी तय होने से पहले बदलेगी आनलाइन गेम की परिभाषा, 28 प्रतिशत की दर से कर लगाने का है सुझाव
आनलाइन गेमिंग पर जीएसटी दर का फैसला लेने से पहले सरकार इसकी परिभाषा बदलेगी। केंद्र और राज्यों के जीएसटी अधिकारी आनलाइन गेमिंग सेक्टर के विशेषज्ञों के साथ मिलकर गेम आफ स्किल और गेम आफ चांस की परिभाषा पर काम कर रहे हैं। ऐसा करने से दोनों तरह के खेलों के लिए अलग से कराधान का निर्धारण किया जा सकेगा।
विवाद का विषय बना हुआ है जीएसटी का मुद्दा
सूत्रों के मुताबिक आनलाइन गेम पर जीएसटी लगाने का पेचीदा मुद्दा पिछले एक साल से अधिक समय से विवाद का विषय बना हुआ है। कई राज्यों ने ऐसे आनलाइन गेम पर कम दर से टैक्स लगाने की मांग की है, जिनमें स्किल की जरूरत होती है। उनका मानना है कि गेम आफ स्किल को किस्मत आधारित खेल के समान नहीं माना जाना चाहिए। इन खेलों की स्पष्ट परिभाषा के अभाव में कई बार आनलाइन गेम पोर्टलों को कर नोटिस भेजे जाते हैं और बाद में कानूनी विवाद शुरू हो जाते हैं।
तकनीकी क्षेत्र के विशेषज्ञों से चर्चा
सूत्रों का कहना है कि जीएसटी काउंसिल की विधायी समिति की शनिवार को बेंगलुरु में हुई बैठक में गेम आफ चांस और गेम आफ स्किल की परिभाषा से संबंधित मुद्दों पर तकनीकी क्षेत्र के विशेषज्ञों से चर्चा की। समिति ने सभी राज्यों के शामिल नहीं होने से परिभाषा संबंधी मसौदा रिपोर्ट सभी राज्यों के साथ साझा की जाएगी और उस पर उनकी राय मांगी जाएगी। जीएसटी काउंसिल आनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ जैसे खेलों पर कराधान के बारे में मंत्री समूह की रिपोर्ट पर दिसंबर के अंत में होने वाली बैठक में विचार करेगी। मंत्री समूह ने जून में सुझाव दिया था कि आनलाइन गेमिंग सेक्टर पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाना चाहिए। हालांकि उद्योग की मांग है कि गेम आफ स्किल पर कम दर से टैक्स लगाया जाए, क्योंकि अधिक टैक्स रेट होने पर पुरस्कार की राशि घटानी पड़ेगी। अभी गेम आफ चांस पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है।