आ रही है जल प्रलय! गंगा-यमुना ही नहीं ब्रह्मपुत्र और तीस्ता नदी तबाही मचाने को बढ़ रही हैं आगे
हिमाचल प्रदेश से लेकर पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में नदियों के उफान से जो तबाही मची हुई है, वह तो अभी कुछ भी नहीं है। जिस तरह देश के अलग-अलग राज्यों की 11 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह कर तबाही मचाने के लिए आगे बढ़ रही हैं, वह किसी बड़े जल प्रलय की आशंका को ही जन्म दे रही हैं। देश में बाढ़ पर नजर रखने और हालात को लेकर पूरी तैयारियां रखने वाले केंद्रीय मंत्रालय के पास पहुंच रहे आंकड़ों के मुताबिक अलग-अलग राज्यों की 11 नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। ये नदियां जहां उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड, हिमाचल और दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश में बह रही हैं, वहीं कुछ नदियां बिहार, असम, पश्चिम बंगाल समेत उनके करीबी राज्यों में खतरे के निशान से ऊपर खतरनाक ट्रेंड के साथ आगे बढ़ रही हैं। केंद्र ने संबंधित राज्यों को न सिर्फ अलर्ट पर रखा है बल्कि जिम्मेदार एजेंसियों को भी तैनात कर दिया है।
यूपी, बिहार से लेकर बंगाल और असम तक मच सकती है बड़ी तबाही
केंद्रीय जल मंत्रालय देश के अलग-अलग राज्यों में बह रही नदियों और वहां पर आने वाली बाढ़ की मॉनिटरिंग कर रहा है। अधिकारियों के मुताबिक जो स्थिति उत्तर भारत के पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली जैसे राज्यों की है कमोबेश यही स्थिति अगले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में भी हो सकती है। लगातार 24 घंटे देश के अलग-अलग राज्यों में नदियों के जलस्तर को मॉनिटर करने वाले कंट्रोल रूम के पास पहुंच रही आधिकारिक जानकारियों और अधिकारियों की रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम बंगाल, असम और बिहार की नदियों में भी बाढ़ से बड़ी तबाही होने का अनुमान लगाया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में जहां यमुना और गंगा तबाही मचाने के लिए आगे बढ़ रही हैं, वहीं नार्थ ईस्ट में ब्रह्मपुत्र, तीस्ता और कोसी समेत अन्य नदियां अपने खतरनाक जल प्रवाह के साथ आगे बढ़ रही हैं।
दिल्ली के बाद यमुना का खतरा शामली और मथुरा में बढ़ा
जानकारी के मुताबिक दिल्ली में जिस तरह यमुना नदी ने तबाही मचानी शुरू की है, वह अगले कुछ घंटों में दिल्ली के और बड़े शहरी इलाकों में पहुंच सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में यमुना का जलस्तर अपने खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर तक बह रहा है। पूरे देश में बाढ़ पर नजर रखने वाले संबंधित महकमे से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि यमुना का पानी सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि यहां से आगे बढ़ते हुए उत्तर प्रदेश के शामली जिले में भी तबाही मचाने के लिए खतरे के निशान के ऊपर बहने लगा है। शामली के मावी इलाके में यमुना का पानी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर तक पहुंच गया है। इस पूरे मामले पर नजर रखने वाली एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि यमुना नदी के बहाव पर पूरी तरह नजर रखी जा रही है। यमुना का पानी सिर्फ मावी ही नहीं बल्कि मथुरा, आगरा होते हुए जिन इलाकों में बढ़ रहा है, वहां भी इलाकों को खाली कराए जाने और बाढ़ के पानी पर नजर रखने के लिए खतरे की सूचना जारी कर दी गई है।
हरिद्वार से बह रही गंगा खतरे के निशान के ऊपर
केंद्रीय जल मंत्रालय के पास पहुंच रही रिपोर्ट के मुताबिक गंगा खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। रिपोर्ट बताती है कि गंगा बदायूं में कछला ब्रिज में खतरे के निशान से डेढ़ मीटर ऊपर तक पहुंच गई है। बाढ़ पर नजर रखने वाले जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि यह गंगा का पानी सिर्फ बदायूं ही नहीं, बल्कि फर्रुखाबाद के घटिया घाट और कानपुर से लेकर इलाहाबाद तक खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। हालांकि गंगा नदी का कुछ इलाका अभी भी खतरे के निशान से ऊपर ही बह रहा है। गंगा और यमुना नदी के इलाके में बसे हुए गांव और शहरों समेत अन्य आबादी और संस्थानों को आगाह करते हुए जिम्मेदार महकमे को अलर्ट पर रखकर मौके पर तैनात रहने के निर्देश दिए गए हैं।
हरिद्वार में सोलानी नदी ने बढ़ाया बाढ़ का खतरा
हरिद्वार में सोलानी नदी ने खतरे के ऊपर से बहना शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक हरिद्वार के पास रायसी इलाके मे सोलानी नदी खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर तक आगे बह रही है। इसके अलावा गंगा में मिलने वाली कुछ और सहायक नदियों का भी पानी तेजी से अपने बहाव के साथ गंगा में मिल रहा है। मंत्रालय से जुड़े जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि उत्तराखंड की सहायक नदियों के गंगा में मिलने वाले इलाकों में जबरदस्त रूप से मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके अलावा यहां की नदियों के जैसे ही मैदानी इलाकों में मिलने का सिलसिला शुरू होता है, वहां पर भी बाढ़ जैसी स्थितियां बन रही हैं। इसलिए उत्तराखंड के मैदानी इलाके और उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में इन नदियों के खतरे से बाढ़ की आशंका जबरदस्त रूप से बनी हुई है।
नार्थ-ईस्ट में ब्रह्मपुत्र समेत कई नदियां बढ़ रहीं हैं तबाही मचाने
जानकारी के मुताबिक नॉर्थ ईस्ट में ब्रह्मपुत्र नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। असम के धुबरी इलाके में बहने वाली ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से तकरीबन 1 मीटर ऊपर बह रही है। इसी तरह असम के जोरहाट इलाके में नेमाती घाट क्षेत्र के कई हिस्सों में ब्रह्मपुत्र नदी अपने खतरे के निशान से डेढ़ मीटर ऊपर बह रही है। नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में ब्रह्मपुत्र नदी ही नहीं, बल्कि देसांग भी अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जानकारी के मुताबिक असम के शिवसागर जिले के नगलामोराघाट इलाके में देसांग नदी तबाही मचाने की ओर आगे बढ़ रही है। इसी तरह असम के तिनसुकिया जिले से होकर बहने वाली ब्यूरिडिंग नदी खतरे के निशान से ऊपर बह कर इलाकों में तबाही मचाने के लिए आगे बढ़ चुकी है।
पश्चिम बंगाल तीस्ता और जल ढाका नदी मचा रही तबाही
जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी जिले की जल ढाका नदी भी अपने इलाके में खतरनाक बड़े हुए जलस्तर के साथ आगे बढ़ रही है। बाढ़ पर नजर रखने वाली एजेंसियों को मिली जानकारी के मुताबिक यहां पर पानी का जलस्तर अपने खतरे के निशान से तकरीबन एक मीटर ऊपर बह रहा है। इसी तरह पश्चिम बंगाल के अलीपुर जिले के हासीमारा इलाके में तोरसा भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी के ही दोमुहान इलाके में तीस्ता नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जिम्मेदार महकमे से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इन सभी नदियों के इलाकों में पड़ने वाले इलाकों को अलर्ट पर रखा गया है। इसी आसाम में बेकी नदी बारपेटा इलाके में खतरे के निशान से ऊपर बहना शुरू कर दिया है।
बिहार में बढ़ती कोसी तबाही मचाने को तैयार
केंद्रीय जल मंत्रालय के पास पहुंच रही रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के सुपौल इलाके में कोसी नदी का पानी लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। जानकारी के मुताबिक सुपौल के बीरपुर इलाके में बाढ़ जैसे हालात बन चुके हैं। जानकारी के मुताबिक बिहार में कई इलाके ऐसे हैं, जो बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। जबकि कुछ हिस्से अगले कुछ दिनों में बाढ़ के चपेट में आ जाएंगे। देश में बाढ़ पर नजर रखने वाली एजेंसी से जुड़े एक प्रमुख अधिकारी कहते हैं कि उत्तर भारत में ही नहीं बल्कि यह नदियां मध्य भारत और नॉर्थ ईस्ट में भी तबाही मचाने के लिए आगे बढ़ रही हैं।
हर ओर से कभी नहीं बढ़ा इस तरह नदियों का जलस्तर
बीते कई दशकों से बाढ़ नियंत्रण में सहयोग करने वाले केंद्र के प्रमुख मंत्रालय से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि देश के अलग-अलग राज्यों में बाढ़ तो हमेशा आती है, लेकिन एक देश के ज्यादातर हिस्सों की नदियों में बाढ़ आने से हालात बिगड़ने जैसे बनते दिख रहे हैं। वह कहते हैं कि अगर पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम समेत और भी कई राज्यों को देखा जाए, तो यहां की सभी नदियों में बाढ़ जैसे भीषण हालात हैं। पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में तो नदियों ने तबाही मचानी शुरू कर दी है। उनका कहना है जैसे-जैसे नदियों का पानी आगे बढ़ता जाएगा, वैसे-वैसे ही इन नदियों के किनारे बसे शहरों और आबादियों में खतरा बढ़ता जाएगा। फिलहाल ऐसे किसी विषम स्थिति से बचने के लिए केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ और अन्य जिम्मेदार एजेंसियों को सचेत करते हुए सभी टास्क दे दिए हैं। राज्यों को भी सूचना दे दी गई है। ज्यादातर नदियों के किनारे बसे राज्यों ने अपने स्तर पर भी तैयारियां शुरू कर दी हैं।