परिवार ढूंढता रहा,पिता ने अपने बेटे का शव जलाया तो बेटे के बेटे से छिना मुखाग्नि का हक

परिवार ढूंढता रहा,पिता ने अपने बेटे का शव जलाया तो बेटे के बेटे से छिना मुखाग्नि का हक

 

 


मंगरोप(मुकेश खटीक)मंगरोप थाना क्षेत्र के रतन पूरा गांव मे एक शव जलाने का मामला सामने आया है।मृतक की ब्याहता पत्नी पपलिया देवी भाट(36)निवासी दरीबा माइंस(राजसमंद) हाल मुकाम रेलमंगरा, फतह नगर ने बताया की उसका पति सुरेश भाट(41) पिछले तीन महीने से बीमार चल रहा था।उसने अपने पति का इलाज  जयपुर,उदयपुर के बड़े बड़े अस्पतालों मे भी करवाया लेकिन बीमारी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी।उसका ससुर श्रवण भाट(65) हाल मुकाम मण्डपिया स्टेशन वह बहु द्वारा करवाये जा रहे इलाज से संतुष्ट नहीं था और हाल ही मे करीब 10 दिन पूर्व सुरेश कों फोन पर यह कह कर की गांव के पास मे ही एक देवरा है वहापर दिखाएंगे तो वह ठीक हों सकता है मण्डपिया स्टेशन अपने निवास पर बुला लिया था।छ सात दिन तक तो सुरेश से परिवार की बातचीत होती रही लेकिन शुक्रवार सुबह से ही फोन बन्द आने लग गया।तब पपलिया अपने बच्चों गोपाल 20,रेखा 17,राहुल 16,कौशल 5, खुशी 2 वर्ष कों साथ लेकर शनिवार कों मण्डपिया स्टेशन अपने पति कों देखने आ गई लेकिन ससुर ने उसे पति से मिलने तक नहीं दिया था।महिला ने शनिवार की रात भीलवाड़ा हनुमान मन्दिर मे काटी और उसका बेटा गोपाल रविवार सुबह करीब 6 बजे पुनः मण्डपिया स्टेशन गया था तो दादा ने कहा की तेरा बाप अब नहीं रहा उसे देखना हों तो अन्तिम क्रियाक्रम के लिए ले जायेंगे तब देख लेना गोपाल तत्काल भीलवाड़ा एस पी ऑफिस भी गया था लेकिन वहां पर किसी से जान पहचान नहीं होने से वह वहां से लौट आया और किसी परिचित से जानकारी मिली की तुम्हारे पिता कों अन्तिम संस्कार के लिए मंगरोप के पास स्थित रतनपूरा गांव मे लेकर जायेंगे तो पिता के अन्तिम दर्शन के लिए तड़पता बेटा मंगरोप थाना ढूंढता हुआ थाने गया और अपनी आपबीती सुनाई लेकिन वहां पर उसकी बात कों थाना पुलिस ने यह कहकर टाल दिया की तुम्हारे दादा जी का भी तो वह बेटा है वो उसका अन्तिम संस्कार कर रहे है तो इसमें तुम्हे कौन सी परेशानी हों रही है।अब तो गोपाल की और मुश्किलें बढ़ गई वह रोता बिलखता रतनपूरा गांव ढूढ़ते हुए वहां पंहुचा और अपनी माँ और ननिहाल पक्ष के लोगों कों सुचना देकर वहां बुला लिया फिर कुछ देर बाद श्रवण भाट अपने बेटे का शव और लकड़ियों के ट्रेक्टर सहित शमशान घाट पर पहुंच गया जल्दी जल्दी लकड़िया जमाकर शव का अन्तिम संस्कार करने लगा तभी गोपाल गांव के करीब दो दर्जन लोगों के साथ शमशान घाट पहुंच गया लेकिन श्रवण भाट  धमकियां देने लग गया ग्रामीण मामले कों पूरा समझते तब तक श्रवण ने शव कों जलाना शुरू कर दिया था।तभी गांव के कुछ युवकों ने मंगरोप थाने पर दूरभाष से सुचना दी लेकिन थाना पुलिस सवा घण्टे बाद  मोके पर पहुंची तब तक सुरेश का पार्थिव शरीर जलकर खाक हों गया था। एक व्यक्ति को अपनी ही बहु और पोते- पोतियों से ऐसी क्या घृणा थी की उसने बहु से अपने पति और पोते पोतियों से अपने पिता के अन्तिम संस्कार मे शामिल होने और अन्तिम दर्शनो का हक भी छीन लिया ।एक पत्नी अपने पति और बेटे बेटी अपने पिता कों अन्तिम बार देख लेते और हिन्दू रीती रीवाज मे प्रचलित बेटे का बाप को मुखाग्नि देने का काज भी एक बेटे द्वारा हों जाता।अब इस परिवार कों यह मलाल जीवन भर रहेगा की पिता कों अन्तिम घड़ी मे देख नहीं पाए।फिलहाल मंगरोप पुलिस ने दोनों पक्षो की आपस मे बातचीत करवाकर पीड़ित परिवार को अपने दादा श्रवण की वसीयत मे से हिस्सा दिलवाने पर सहमति दिलवा दी जिससे पीड़ित परिवार थाने मे कोई परिवाद दायर नहीं करवाया है।
 

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