भागवत कथा के श्रवण मात्र से ही मनुष्य के अंदर मृत्यु का भय दूर हो जाता- स्वामी जगदीशपुरी
शाहपुरा-मूलचन्द पेसवानी
निकटवर्ती शक्करगढ स्थित श्रीअमर ज्ञान निरंजनी आश्रम के महामण्डलेश्वर आचार्य स्वामी जगदीशपुरीजी महाराज के सानिध्य में गुरूवार से गुजरात स्थित द्वारिकाधीश के स्वामी नारायण मंदिर में आठ दिवसीय श्रीमद भागवत ज्ञान महायज्ञ का भव्य आयोजन प्रारम्भ हुआ।
इस अवसर पर सुबह द्वारिकाधीश मंदिर से कलश यात्रा व शोभायात्रा निकाली गई जिसमे कई महिलाए मंगल कलश धारण कर सम्मिलित हुई। शोभायात्रा में कथा के सभी यजमान गले में पीला दुपटटा धरण कर भागवतजी को सिरोधार्य कर आचार्य श्री के साथ साथ चल रहे थे। इनके अलावा शोभायात्रा में रंग बिरंगे परिधानो में सजी धजी कई महिलाए व पुरूष शामिल थे जो बैण्ड की धुनो पर नाचते गाते चल रहे थे। शोभायात्रा स्वामी नारायण मंदिर पहुंच कर सम्पन्न हुई जहां कथा के सभी यजमानो ने अपने परिजनो के साथ भागवतजी की पूजा अर्चना की।
तत्पश्चात भागवत कथा प्रारम्भ करते हुये आचार्य जगदीशपुरी महाराज ने कहा कि श्राद्व पक्ष श्रद्वा का प्रतीक है। इस पक्ष में द्वारिकाधीश जैसी पुण्य स्थली में श्रीमद् भागवत महापुराण का आयोजन होना निश्चित तौर पर जन्म जन्मान्तर के पुण्यो के उदय के समान है। उन्होंने कहा कि भागवत कथा के श्रवण मात्र से ही मनुष्य के अंदर मृत्यु का भय दूर हो जाता है। उन्होंने कहा कि परमधाम गमन के लिए भागवत कथा आरक्षण के समान है। भारत की पुण्यभूमि में जन्म होना जीवों के अनन्त पुण्य का पुष्प और फल है। भागवत की अमृतमयी कथा जीवन को रास्ता दिखाती है। अमृत इस संसार में भगवान के प्यारे भक्तों के कंठ में होता है। जो मृत्यु भय को निर्मूल करता है। कथा आगामी बाइस सितम्बर तक चलेगी। इस दौरान प्रतिदिन सुबह साढे नौ बजे से दोपहर एक बजे तक आचार्य जगदीशपुरी महाराज कथामृत पान कराएंगे। इसका लाइव प्रसारण भी किया जा रहा है।