वैष्णव बैरागी पुजारियों का विराट सम्मेलन सहाडा में आयोजित हुआ

गंगापुर हलचल। पुजारियों के हक के लिए सफलता मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा। 13 दिसंबर 1991 में तत्कालीन सरकार द्वारा पुजारियों के खिलाफ लिए गए मंदिरों की डोली भूमि के फैसले को काला अध्याय मानते हुए गहलोत सरकार से इस फैसले को तुरंत बदलने को लेकर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री हरिमोहन शर्मा ने अखिल राजस्थान पुजारी महासभा द्वारा सहाड़ा तहसील मुख्यालय पर आयोजित जिला स्तरीय पुजारी सम्मेलन के मुख्य अतिथि पद से उपस्थित पुजारियों के समक्ष व्यक्त किए।मुख्य अतिथि शर्मा ने कहा कि पुजारी केवल वैष्णव ही नहीं है इसमें माली-गुर्जर-सालवी-ब्राह्मण आदि समाज के भी पुजारी हैं। कोरोना कॉल में सबसे ज्यादा पीड़ित हुआ है तो वह पुजारी समाज है। मैं स्वयं पुजारियों की आवाज को बुलंद कर सरकार से बात करके समाधान तक पहुंचने का प्रयास करूंगा। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता व राजस्थान पुजारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष बलवंत वैष्णव ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में कहा कि पिछले 30 वर्षों से पुजारी समाज पीड़ित है यदि समय रहते 1991 में लिये गए काले अध्याय को नहीं बदला गया तो सरकार को इसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। यदि सरकार ने पुजारियों के पक्ष में फैसला लेते हुए कार्य किया तो निश्चित रूप से पुजारी सरकार का समर्थन करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष वैष्णव ने राजस्थान में पुजारियों के साथ भू माफियाओं द्वारा हुए अत्याचारों को भी प्रभावी ढंग से रेखांकित किया। कार्यक्रम का शुभारंभ चारभुजानाथ के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन,माल्यार्पण व धूप बत्ती से किया। समस्त अतिथियों का स्वागत अखिल राजस्थान पुजारी महासभा आयोजन समिति के शंकरदास वैष्णव-सहाड़ा, प्रभुलाल वैष्णव-गुंदली, कालूराम वैष्णव-नांदशा, सुरेंद्र वैष्णव-महेंद्रगढ़, एडवोकेट गोपाल वैष्णव-मेरुणी, किशन वैष्णव-बागोर आदि ने तिलक-माल्यार्पण-साफा बंधन-दुपट्टा से किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में पुजारी महासभा के संभागीय उपाध्यक्ष रामगोपाल बारणी, ओम प्रकाश पड़ासोली, शंभू दास भीलवाड़ा, भामाशाह रामनारायण गंगापुर,द्वारकादास नांदशा,गोवर्धनदास,लादू दास, रतन दास, नारायण दास, राजू दास, सरपंच सुरेश वैष्णव बरड़ोद, किशन दास वैष्णव खुंटियां, पुजारी महासंघ राजसमंद के जिलाध्यक्ष लक्ष्मण दास तासोल, महावीर वैष्णव चावंडिया, मनोज वैष्णव व विशाल वैष्णव रायपुर थे। आयोजन समिति द्वारा कार्यक्रम में आए समस्त वैष्णव जनों का दुपट्टा पहनाकर व चंदन का तिलक लगाकर स्वागत किया गया। सुरेंद्र वैष्णव महेंद्रगढ़ व रमेश वैष्णव रायपुर ने कार्यक्रम का प्रभावी संचालन किया। इस अवसर पर जिलेभर से आए समस्त पुजारियों ने "पुजारी एकता- जिंदाबाद।" " जब जब पुजारी बोला है-राज सिंहासन डोला है"... जैसे नारे लगाकर पांडाल को गुंजायमान कर दिया। इस अवसर पर कन्हैयालाल वैष्णव नाथद्वारा, किशनदास गुरलां सुखदेव जागदरी, शिव दास आमली,, पप्पू दास सहाड़ा, राजू दास, नारायण दास झूमपुरा, दिनेश पोटला,पूरण आमली, महावीर गुड़लिया, किशन रायथलियास, भैरूदास जवालिया, राजाराम-गंगापुर, रतन अरनिया, जीतू रायपुर, बालू दास व राजू जुंणदा, रमेश खातीखेड़ा सहित सैकड़ों की संख्या में जिले के पुजारी जन उपस्थित थे। प्रदेश अध्यक्ष बलवंत वैष्णव ने बताया कि विधानसभा के चुनाव में हर बार शिवसेना के विधायक प्रत्याशी के रूप में विधानसभा काचुनाव लड़ने वाले रायपुर निवासी किशन दास वैष्णव ने मंच पर कहा कि इस बार भी मुझे विधानसभा का उप चुनाव लड़ना है लेकिन पुजारियों के हक में यदि सरकार फैसला लेती है तो मैं उपचुनाव नहीं लडूंगा व सरकार के फैसले का सम्मान करते हुए पुजारियों के साथ रहूंगा।