मौनी और शनिश्चरी अमावस्या का महासंयोग, क्षिप्रा नदी में श्रद्धालु लगाएंगे आस्था की डुबकी
माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या 21 जनवरी को प्रात: 6 बजकर 17 मिनट से शुरू हो रही है, जो 22 जनवरी को रात 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि को देखते हुए 21 को मौनी अमावस्या मनाई जाएगी। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान, दान करने से अक्षय पुण्य मिलता है।
माघ माह में आने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। मौनी अमावस्या पर इस बार शनिवार होने के कारण इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है। इस बार माघी अमावस्या 21 जनवरी 2023 यानी शनिवार के दिन मनाई जाएगी। माघ मास में पड़ने वाली इस मौनी अमावस्या पर दान करने से शनि के दुष्प्रभावों में कमी आएगी। साथ ही नदियों में स्नान करने से पुण्य लाभ भी होगा।
शनिश्चरी अमावस्या को देखते हुए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन की क्षिप्रा नदी में स्नान करेंगे, साथ ही त्रिवेणी संगम तीर्थ जाकर पुण्य की डुबकी लगाएंगे। ज्योतिषाचार्य पं. आनंद शंकर व्यास ने बताया कि इस बार माघ मास में पांच शनिवार रहेंगे। शनि की साढ़े साती, ढैय्या या अन्य जन्मजात शनि दोषों की निवृत्ति के लिए इस शनिवारी अमावस्या पर दान करने से अधिक लाभ होगा।