सर्वकल्याण की गूंज विधान अनुष्ठान में, धर्मसूत्र बनाने की प्रक्रिया हुई शुरू

भीलवाड़ा, BHN
श्रमणसंघीय सलाहकार सुमतिप्रकाशजी म.सा. के सुशिष्य आगमज्ञाता प्रज्ञामहर्षि डॉ. समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा 3 के सानिध्य में शांतिभवन में हो रहे चातुर्मास के तहत पर्युषण पर्व समाप्ति के बाद पहले रविवार को भी शांतिभवन में भक्तों की भीड़ इस तरह उमड़ी की प्रवचन का विशाल हॉल भी छोटा प्रतीत हुआ। पंच दिवसीय सजोड़ा विधान अनुष्ठान के तीसरे दिन रविवार सुबह 8.55 से 9.35 बजे तक हुए विधान अनुष्ठान में सर्वकल्याण की कामना गूंजी। इसके साथ आगमों की अमर गाथाओं का उच्चारण कर विश्व शांति की कामना की गई। हजारों श्रावक-श्राविकाएं सजोड़ा इस अनुष्ठान में शामिल हुए। इस अनुष्ठान में आगमों की ऐसी अमर गाथाओं का उच्चारण हो रहा है जो जीवन की सभी बाधाएं दूर कर सकती है। पूज्य समकितमुनिजी म.सा. ने परमात्मा भगवान महावीर स्वामी एवं पूज्य गुरूदेव सुमतिप्रकाशजी म.सा. का स्मरण कर विधान अनुष्ठान शुरू करते हुए कामना की कि ये विधान अनुष्ठान कल्याणकारी, सुख प्रदान करने वाला हो। सर्व कल्याण की कामना से तीसरे दिन सूत्र ‘‘ धम्मो मंगल मुक्किट्ठ, अहिंसा संजमो तवो, देवा वि तं णमंसति, जस्स धम्मे सया मणो’’ की आराधना करने के साथ धर्मसूत्र (रक्षा सूत्र)बनाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई। धर्मसूत्र तैयार करने के लिए श्रावकगण को धागा अनुष्ठान शुरू होने से पूर्व शांतिभवन से ही प्रदान किया गया। पूज्य समकितमुनिजी ने बताया कि एक घर में दो से ज्यादा धर्मसूत्र नहीं बना पाएंगे। इसे बनाने की प्रक्रिया तीन दिन में पूरी कर ली जाएगी। मुनिश्री ने कहा कि ये धर्मसूत्र पूरे जीवन स्वयं एवं परिवार के काम आएगा एवं सबकी सुरक्षा करेगा। उन्होंने कहा कि विधान सूत्र पढ़ते हुए इस धागे में तीन दिन में पांच गांठ विधिपूर्वक लगाई जानी है। इनमें से दो गांठ रविवार को लगवाई गई। अगली दो गांठ सोमवार को लगानी है एवं अंतिम पांचवी गांठ अनुष्ठान समापन दिवस मंगलवार को लगाई जाएगी। इसके बाद ही विधिपूर्वक धर्मसूत्र तैयार होगा। मुनिश्री सूत्र का उच्चारण करते रहे एवं सजोड़ा अनुष्ठान में शामिल श्रावक-श्राविकाएं इससे दोहराते रहे। तीसरे दिन का विधान अनुष्ठान पूर्ण होने पर उसमें शामिल भक्तों को दिए गए कूपन के आधार पर लक्की ड्रॉ निकाल पांच भाग्यशालियों को चांदी के सिक्के प्रभावना के लाभार्थी ख्यालीलाल, आंनद, अंजू चपलोत परिवार के द्वारा प्रदान किए गए। धर्मसभा में सुश्रावक राजेन्द्र बाबेल ने 12 उपवास, सुश्राविका अनुभा बाफना एवं किरण हिरण ने 9-9 उपवास के प्रत्याख्यान लिए। तपस्वियों का सम्मान आयंबिल ओलीजी की आराधना करने का संकल्प लेने वालों ने किया। धर्मसभा में गुजरात के उधना शहर से आए श्रावक संघ प्रतिनिधियों ने पूज्य समकितमुनिजी से वर्ष 2023 का चातुर्मास प्रदान करने की विनती की। इस पर पूज्य मुनिश्री ने कहा कि इस बारे में निर्णय करने का अधिकार मेरठ में चातुर्मास कर रहे पूज्य गुरूदेव सुमतिप्रकाशजी म.सा. को ही है। उधना संघ की भावनाएं वहां तक पहुंचाई जाएगी। अतिथियों का स्वागत श्रीसंघ अध्यक्ष राजेन्द्र चीपड़, वित्त संयोजक मनोहरलाल सूरिया, निर्मलपाल डागा आदि ने किया। संचालन श्रीसंघ के मंत्री राजेन्द्र सुराना ने किया।
ज्ञानलताजी म.सा. की प्रथम पुण्यतिथि पर सैकड़ो श्रावकों ने की सामायिक आराधना
पूज्य प्रवर्तिनी महाश्रमणी डॉ. ज्ञानलताजी म.सा. की प्रथम पुण्यतिथि रविवार को शांतिभवन में पूज्य समकितमुनिजी म.सा. के सानिध्य में सामूहिक सामायिक आराधना करते हुए मनाई गई। इसके तहत सैकड़ो श्रावक-श्राविकाओं ने सामायिक आराधना कर गुणानुवाद किया। पूज्य समकितमुनिजी ने ज्ञानलताजी म.सा. के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि वह महान साध्वीवर्या अमृत समान थी जिन्होंने लगातार 48 वर्ष तक संयम आराधना की। राजस्थान से लेकर दक्षिण भारत तक को उन्होंने अपने चरणों से पावन किया। योग-संजोग से उनका जन्म, दीक्षा एवं देवलोकगमन तीनों ही सितम्बर माह में है। कर्म क्षय से होने वाली सिद्धियां उस महान साधिक ने अर्जित की। उन्होंने कहा कि विदूषी साध्वी यशकंवरजी की तरह ही महान साधिक ज्ञानलताजी का भी पुण्य प्रताप था। बहुत जगह जहां हिंसा होती थी और धर्म के नाम पर पशुबलि दी जाती थी उस महान साधिका ने रोक लगवा दी। ये वहीं हो पाता है जहां अदृश्य रूप से देव आत्माएं विद्यमान रहती है। प्रथम पुण्यतिथि पर श्री अखिल भारतीय नानक प्राज्ञ संघ एवं नानक प्राज्ञ राष्ट्रीय महिला संघ के तत्वावधान में श्री अखिल भारतीय नानक प्राज्ञ युवा संघ राष्ट्रीय/प्रान्तीय की ओर से सामूहिक सामायिक आराधना कार्यक्रम में सैकड़ो सामायिक के साथ शांतिभवन संघ ने भी सहभागिता निभाई है।