हाथ में कलावा और तिलक देखकर टीचर को मारी थी गोली, आतंकियों को फांसी की सजा

हाथ में कलावा और तिलक देखकर टीचर को मारी थी गोली,  आतंकियों को फांसी की सजा
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लखनऊ

24 अक्टूबर 2016 को कानपुर के रिटायर्ड शिक्षक रमेश बाबू की हत्या कर दी गई थी। जांच में सामने आया कि यह हत्या दो ISIS के आतंकियों ने की है। आज इस मामले में लखनऊ NIA की स्पेशल कोर्ट ने दोनों आतंकी आतिफ मुजफ्फर और मोहम्मद फैसल को फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही दोनों ही आतंकयों पर पांच लाख का जुर्माना लगाया है। बता दें कि दोनों आरोपी आतंकी लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में मारे गए ISIS आतंकी सैफुल्लाह के साथी हैं। वहीँ, ISIS आतंकी सैफुल्लाह को मार्च 2017 में पुलिस ने एक एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। अब उसके दोनों साथियों आतिफ मुजफ्फर और फैसल को कोर्ट ने फांसी की सजा हुई है।

दरअसल, 24 अक्टूबर 2016 को उत्तरप्रदेश के कानपुर में रिटायर्ड स्कूल प्रिंसिपल रमेश बाबू शुक्ला की गोली मारकर हत्या हुई थी। आतंकी सैफुल्लाह, मुजफ्फर और फैसल ने कानपुर के चकेरी इलाके में स्कुल से घर वापस जा रहे शिक्षक रमेश बाबू की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी। जानकारी के अनुसार, रमेश के हाथ में कलावा और माथे पर तिलक देखकर आतंकियों ने रमेश बाबू को निशाना बनाया था। वे आतंकी अपने नए असलहो की चेकिंग करना चाहते थे।

तीसरी गोली पीठ पर लगी
जानकारी के अनुसा, आतंकी मुजफ्फर और फैसल ने शिक्षक पर ताबड़तोड़ तीन गोलियां चलाई थी, जिसमें से दो गोली मिस फायर हो गई। वहीँ, तीसरी गोली रमेश बाबू के पीठ में लगी और उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद तीनो आतंकियों में से एक सैफुल्लाह का लखनऊ में एनकाउंटर हो गया। इसके बाद आतिफ मुजफ्फर और फैसल पुलिस की गिरफ्त में आए। उनसे पूछताछ में रमेश बाबू शुक्ला की टारगेट किलिंग का खुलासा हुआ था।

यूपी ATS ने इस मामले को NIA को किया ट्रांसफर
यूपी ATS ने इस मामले को 17 नवंबर को NIA को ट्रांसफर कर दिया। NIA ने अपनी जांच में मारे गए आतंकी और तीनों हत्यारों में से एक सैफुल्लाह के घर से आठ पिस्टल बरामद किया। फिर NIA ने उस पिस्टल के खोखे से रमेश बाबू शुक्ला को मारी गई गोली के खोखे का मिलान किया था। जांच में फैसल की घटनास्थल पर लोकेशन मिली थी। बताया गया कि सैफुल्लाह बाइक चला रहा था और आतिफ मुजफ्फर और फैसल ने गोली चलाई थी। उनकी बाइक को भी एटीएस ने बरामद किया था।

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