मृत्युभोज की पंरपरा होगी जड़ से समाप्त
चितोडगढ़। मृत्युभोज छोडो अभियान का सेमिनार निम्बाहेडा में केके बीलवाल के मुख्य आतिथ्य मे तथा भारतीय दलित साहित्य अकादमी के जिला अध्यक्ष एवं अभियान के राष्ट्रीय पदाधिकारी मदन सालवी ओजस्वी की अध्यक्षता सम्पन्न हुआ। सेमिनार में उदयपुर भीलवाडा चित्तौडगढ़़, प्रतापगढ जिलो से अनेक गणमान्य समाज सुधारको ने भाग लिया।
मृत्युभोज छोड़ो अभियान के तहत एक मत से मृत्युभोज रूपी कुप्रथा का अन्त जड सहित किये जाने तथा अंतिम संस्कार के बाद किसी भी संस्कार को करने की आवश्यकता नही होना बताया। बडी संख्या मे उपस्थित जागरूक पदाधिकारीयो ने एक स्वर मे एकमत से म्त्युभोज को समाज मे पिछडेपन लाने वाली परम्परा बताते हुए बताया कि केवल दाह संस्कार मे शामिल हो तथा बैठने जांए इसके अलावा कुछ भी करना व खर्च करना अनुचित है तथा कोई भी किसी भी तरह का मृत्युभोज करने के लिए उकसाने या समाज सुधारकों को दबाने की जैसी कोई बात करने पर तत्काल कानूनी कार्यवाही अमल मे ली जाएगी।
इस दौरान विभिन्न समाजों से, सम्भाग भर से गणमान्य उदयपुर से नंदलाल धोबी, गंगरार से कोशल किशोर बिलवाल, कार्यक्रम संयोजक प्रदीप मेघवाल, तथा नंदलाल धोबी, रामचन्द्र बामनिया, रामेश्वरलाल मेघवाल, नंदलाल, बाबुलाल व जगदीशचन्द्र मेघवाल, बाबुलाल मीणा, देवीलाल मीणा, डॉ डीआर मेघवाल, हजारीलाल तथा मुख्य वक्ता बामसेफ के जिलाध्यक्ष अंबालाल सेरसिया तथा जीतमल मेघवाल, मांगीलाल मेघवाल के साथ ही उपस्थित गणमान्य जन ने सभी अपने विचार रखते हुए बताया कि अंतिम संस्कार मे अवश्य जावें तथा जो न जा सके केवल बैठने जांए तथा मृत्यु वाले घर मे किसी भी तरह का कोई भी खर्च नही करवाये।