डेंगू और वायरल बुखार के लक्षणों में होते हैं ये 5 अंतर, ऐसे करें पहचान

डेंगू और वायरल बुखार के लक्षणों में होते हैं ये 5 अंतर, ऐसे करें पहचान
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देश में डेंगू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे लोगों की टेंशन बढ़ा दी है. डेंगू और वायरल फीवर के लक्षण एक जैसे होते हैं, जिससे लोग इनमें अंतर नहीं समझ पाते है. ऐसी स्थिति में मरीज की हालत खराब हो जाती है. अगर सही समय पर डेंगू के मरीजों का लक्षण न पहचाना जाए तो उसे समय पर इलाज नहीं मिल पाएगा और यह जानलेवा हो सकता है. अब सवाल यह है कि जब इन दोनों ही बुखार के लक्षण एक सामान होते हैं तो फिर डेंगू और वायरल फीवर की पहचान कैसे करें. आइए जानते हैं..

 

डेंगू और वायरल फीवर होने का कारण

वायरल फीवर वायरस के इंफेक्शन से होता है. इससे आपको सर्दी, जुकाम और बुखार हो जाता है. मौसम में बदलाव से कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग इसकी चपेट में आ जाते हैं. हालांकि पर 5 से 7 दिन में वायरल फीवर अपने आप ठीक भी हो जाता है. डेंगू फीवर संक्रमित मच्छर के काटने से यह बीमारी होती है. कुछ दिन में ही इसके लक्षण भी दिखने लगते हैं. अगर डेंगू का सही से इलाज ना कराया जाए तो ये जानलेवा भी हो सकता है. लिवर पर इसका असर देखने को मिलने लगता है.

डेंगू और वायरल फीवर  में अंतर

1. डेंगू में बहुत तेज बुखार होता है. इसे ब्रेक बोन फीवर कहते हैं. जबकि वायरल फीवर में तेज बुखार नहीं आता है.

2. डेंगू होने पर मरीजों की स्किन पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं, जबकि वायरल फीवर में ऐसा नहीं होता है.

3. डेंगू में प्लेटलेट काउंट तेजी से गिरता है, जबकि वायरल फीवर में प्लेटलेट काउंट पर कोई असर नहीं पड़ता है.

4. डेंगू होने पर कई लोगों में ब्लड प्रेशर लो होने की समस्या भी देखी गई है, जबकि वायरल फीवर में ऐसा नहीं होता है.

5. डेंगू की वजह से उल्टी और पेट दर्द और लिवर पर भी असर होता है, जबकि वायरल फीवर में ऐसी कोई समस्या नहीं होती है.

दोनों का क्या है इलाज?

किसी भी तरह का बुखार होने पर मरीज को ब्लड टेस्ट कराना चाहिए, और तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. दोनों ही कंडिशन में पैरासिटामोल दवाइयां दी जाती हैं. सही समय पर डेंगू का इलाज कराने पर यह एक हफ्ते में आसानी से रिकवर कर सकते हैं. जबकि वायरल फीवर से ठीक होने पर 5 से 7 दिनों का वक्त लगता है.

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