इस्राइल के हर घर में होता है एक बंकर, सेना ही तय करती है इन बंकरों का डिजाइन

इस्राइल के हर घर में होता है एक बंकर, सेना ही तय करती है इन बंकरों का डिजाइन
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इस्राइल समूची दुनिया का इकलौता ऐसा देश है जिसके हर घर में बंकर बने हुए हैं। यही नहीं स्कूल, स्टेडियम, अस्पताल, मॉल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, दुकान, दफ्तर समेत पब्लिक प्लेस पर भी सुरक्षा के नजरिए से बंकर और टनल बनाए गए हैं। दरअसल अपने चारों को दुश्मन देशों और आतंकियों के चलते सुरक्षा के लिए इस्राइल में इस तरीके के बंदोबस्त किए गए हैं। इस्राइल ने अपने देश में बनाए जाने वाले घरों के लिए ऐसा कानून तैयार किया कि हर घर में एक बंकर होना जरूरी है। यह बंकर कर हमेशा दुश्मनों के हमले से इस्राइल को लोगों को बचाते आए।

 रक्षा मामलों से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है जिस तरीके से हमास ने रॉकेट दागकर इस्राइल पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है, उसमें अगर सायरन बजाने के साथ लोग पहले से बने अपने घरों के बंकरों में न छिपते, तो जितनी मौतें इस्राइल में हुई हैं, उससे कई गुना ज्यादा बड़ा संहार हो चुका होता। लेफ्टिनेंट कर्नल आरएन सूद बताते हैं कि इस्राइल के गजा पट्टी से लगाते हुए बॉर्डर इलाके में हर इलाके के घर को बगैर बंकर के निर्माण की अनुमति ही नहीं है। यही वजह है कि सिर्फ बॉर्डर इलाके में तो हर घर में बंकर और कई घरों में तो लंबी-लंबी टनल भी इस्राइल सरकार की ओर से बनाई गई हैं। रक्षा मामलों के जानकारों का कहना है यह टनल लोगों को अक्सर होने वाले बड़े हमले के दौरान न सिर्फ बचाती आई हैं, बल्कि बीते शनिवार को हुए हमास की ओर से अब तक के सबसे बड़े हमले में भी हजारों लोगों की जान इन्हीं टनल और बंकर ने बचाई है।

अपने चारों ओर दुश्मन मुल्क और आतंकी संगठनों से घिरे होने वाले इस्राइल ने बंकर और टनल की व्यवस्था सिर्फ घरों में ही नहीं की है, बल्कि यहां के बाजारों, अस्पतालों, मॉल, स्कूलों समेत स्टेडियम और अन्य पब्लिक प्लेस पर भी ऐसी बड़ी टनल और बंकर बनाए गए हैं। पूर्व राजनयिक अरुण मेहता कहते हैं कि इस्राइल की भौगोलिक परिस्थितियों में यह टनल और बंकर लोगों की जिंदगियां बचाते आए हैं। वह बताते हैं कि इस्राइल के ऑफिस, होटल, स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटीज समेत पब्लिक प्लेस और घरों में तैयार किए जाने वाले बंकर सेना की देखरेख में तैयार किए जाते हैं। सेना की ओर से तैयार किए जाने वाले बंकर की एक तय डिजाइन होती है। इस डिजाइन और रूपरेखा के आधार पर सभी बंकर और टनल को तैयार किया जाता है। इन बंकर और टनल के बनाए जाने के बाद इसमें किसी भी तरीके की छेड़खानी या बदलाव नहीं किए जा सकते हैं।

जानकारी के मुताबिक इन बंकरों में कई दिनों तक रहने और गुजरबसर करने के पूरे बंदोबस्त और व्यवस्थाएं होती हैं। लेफ्टिनेंट कर्नल सूद बताते हैं कि जिस तरीके से हमास ने इस्राइल में शनिवार को हमला किया, उसके बाद इस्राइल की एक बड़ी आबादी ने खुद की जान इन्हीं बंकर में जाकर बचाई है। जानकारी के मुताबिक इस्राइल के घरों से लेकर पब्लिक प्लेस में तैयार किए गए बंकर और टनल्स में वह सभी सुविधाएं होती हैं, जो आपातकाल में बचाने में कारगर साबित होती है। इसमें केमिकल वॉर से लेकर इस वक्त हमास की ओर से किए जाने वाले जैसे हमले से बचाव के भी उपकरण और सामान मौजूद होते हैं। यह बंकर सिर्फ ऐसे नहीं होते हैं कि अत्यंत गंभीर स्थिति में फंसे हुए लोग इसी में रहने को मजबूर हो जाएं। बाकायदा इनमें खुफिया निकास भी होता है, जो कि टनल के माध्यम से दूसरे सेफ हाउस में पहुंचने का रास्ता बनाता है।

सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि इस्राइल के घरों में यह बंकर बनाने की परंपरा 40 से 50 साल पुरानी है। हालांकि शुरुआती दौर में बंकर की गहराई बहुत ज्यादा नहीं होती थी। लेकिन जैसे-जैसे इस्राइल के दुश्मनों की संख्या और आतंकियों के हमले बढ़ते गए उसी के साथ इस्राइल अपने लोगों की सुरक्षा के लिए इन बंकरों के डिजाइन भी बदलता रहा। अब जो बंकर तैयार होते हैं वह न सिर्फ बम रॉकेट और किसी तरीके के केमिकल हमले से बचाव करने में सक्षम होते हैं, बल्कि इनमें सुरक्षित और बगैर किसी परेशानी के महीनों रहने के इंतजाम की भी व्यवस्था होती है। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े जानकारों का कहना है कि इस्राइल में इन बंकरों को हिब्रू में 'ममाद' कहा जाता है, जिन्हें बनाने में कई तरह के मैटेरियल और अलग-अलग की शील्ड का इस्तेमाल होता है। जो न सिर्फ बुलेट प्रूफ होती है, बल्कि किसी भी बड़े हमले को रोकने में सक्षम भी होती हैं।

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