इन तरीकों से पता चलता है केला कार्बाइड से पका है या नेचुरल? कैमिकल वाले के हैं ये नुकसान

इन तरीकों से पता चलता है केला कार्बाइड से पका है या नेचुरल? कैमिकल वाले के हैं ये नुकसान
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केला बहुत ही स्वादिष्ट फल है. यह न सिर्फ स्वाद में  बेहतरीन है, बल्कि सेहत के लिए फायदेमंद भी होता है. लेकिन बाजार में बिकने वाले सभी केले शरीर के लिए फायदेमंद नहीं होते. जल्दी पकाने के लिए इससे जुड़े व्यवसायी कार्बाइड का उपयोग करते हैं. इससे भले ही केले जल्दी पक जाएं लेकिन सेहत पर इसका असर बहुत ही बुरा पड़ता है. इसलिए जरूरी है कि केले खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि उन्हें नेचुरल तरीके से पकाया गया है या कार्बाइड से.

विटामिन से भरपूर होता है केला-

इसमें कई तरह के फाइबर,विटामिन बी-6,विटामिन-ए,आयरन,सोडियम,पोटैशियम, कैल्शियम आदि पाया जाता है. इसको खाने से शरीर में तुरंत ऊर्जा मिलती है. इसका उत्पादन फलों के लिए ,रेशों और सजावट के लिए भी किया जाता है. केले की खेती सभी उष्णकटिबंधीय (गर्म जलवायु वाले क्षेत्र) क्षेत्रों में की जाती है. केला मूसा परिवार से संबंध रखता है. इसका वैज्ञानिक नाम म्यूजा पाराडिसिअका है.  

भारत में है केले की अधिक खपत-

केले के उत्पादन में भारत पहले स्थान पर है. भारत में केले की खपत बहुत अधिक है. व्रत में, तीज त्योहारों के समय इसकी मांग बहुत अधिक बढ़ जाती है. इस दौरान केले दाम भी आसमान छूने लगते हैं. धार्मिक कार्यों में भी केले और साथ ही उसके पत्ते का विशेष महत्व है.

कार्बाइड से पकाए गए केले सेहत के लिए खतरनाक-

ज्जियादा मांग के चलते केलों को जल्दी पकाने के लिए कार्बाइड का प्रयोग किया जाता है. कार्बाइड से पकाए गए केले को खाने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. बाजारों में कार्बाइड से पके केले ही ज्यादा मिलते है. इन केलों को खाने से कई  बीमारियां हो सकती है. इससे बचने के लिए हमें प्राकृतिक और कार्बाइड से पके केलों में को पहचानने में फर्क पता होना चाहिए.

कार्बाइड और प्राकृतिक तरीके से पके केले में ऐसे करें अंतर-

- कार्बाइड से पकाए गए केलों में पहला फर्क यह होता है वह सामान रूप से नहीं पके होते हैं, कही पर अधिक तो कहीं कच्चे या कम पके होते है. जबकि प्राकृतिक रूप से पके केले सामान रूप से पके होते हैं.  

- प्राकृतिक रूप से पके केले का स्वाद अधिक मीठा होता है,जबकि कार्बाइड से पकाए गए  केले का स्वाद फीका होता है.

- कार्बाइड से पकाए गए केले का रंग हल्का पीला वहीं प्राकृतिक रूप से पके केले में हल्के भूरे और कहीं-कहीं काले धब्बे दिखाई देते है.

- प्राकृतिक रूप से पके केले का रंग गहरा पीला और दाग वाला होता है,लेकिन कार्बाइड से पकाए गए केले में नीचे की तरफ का छिलका काले रंग का होता है और ये जल्दी खराब हो जाते हैं.

कार्बाइड से पके केले के सेवन से शरीर में होने वाले नुकसान-

कार्बाइड से पका केला शरीर के पाचन तंत्र पर असर डालता है,इसे खाने से जी मिचलाना,आँखों में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. यहाँ तक की इसके अधिक प्रयोग से ट्यूमर जैसी बीमारी भी हो सकती है. इसलिए अपनी सेहत का ध्यान रखते हुए केला खरीदते वक्त सावधानी जरूर बरतें.

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