इस कंपनी को मिला विदेश में सबसे ज्यादा मेड-इन-इंडिया कार बेचने का खिताब, हुंडई भी पीछे छूटी; लगातार दूसरे साल बनाया रिकॉर्ड
देश में मारुति का जलवा तो है ही, विदेशों में भी इस गाड़ी को काफी प्यार मिल रहा है।ऑटोमेकर मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने बुधवार को कहा कि उसने 1986-87 में विदेशी शिपमेंट शुरू करने के बाद से अब तक कुल 25 लाख यूनिट गाड़ियों की निर्यात की है।
इन देशों में सबसे अधिक जाती हैं मारुति की कारें
1986-87 में बांग्लादेश और नेपाल जैसे पड़ोसी बाजारों में शिपमेंट के साथ निर्यात शुरू करने वाली कंपनी ने कहा कि यह वर्तमान में लगभग 100 देशों को निर्यात करती है, जिसमें अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, एशिया और मध्य पूर्व के बाजार शामिल हैं।
कंपनी का बयान
कंपनी ने एक बयान में कहा कि 25 लाखवां लैंडमार्क वाहन मारुति सुजुकी बलेनो है, जिसे गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह से लैटिन अमेरिका भेजा गया है।
पिछले साल इतनी गाड़ियां हुईं निर्यात
जिस तरह से भारत में मारुति की गाड़ियों का क्रेज है। ठीक उसी तरह सरहद पार कई देशों में मारुति की डिमांड लगातार बढ़ रही है। मारुति सुजुकी इंडिया ने मंगलवार को 2022 में एक्सपोर्ट करने वाली गाड़ियों की सेल्स रिपोर्ट जारी कर दी है। इस रिपोर्ट में मारुति ने 2022 में निर्यात में 28 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। साल 2022 में मारुति ने कुल 2,63,06 यूनिट गाड़ियों को एक्सपोर्ट करने में कामयाब रही है।
यह पहली बार है जब मारुति ने अपनी इतनी गाड़ियों को एक साल के भीतर दूसरे देशों में एक्सपोर्ट किया है। इससे पहले का रिकॉर्ड 2,05,450 यूनिट्स गाड़ियों का है, जिसे साल 2021 में बेचा गया था। कंपनी को आने वाली सालों में और भी उम्मीद है।
सबसे ज्यादा इन गाड़ियों की रही डिमांड मारुति की कारें काफी किफायती कीमतों में आती हैं, यही वजह है कि कंपनी किफायती प्रोडक्ट्स की डिमांड दूसरे देशों में भी काफी ज्यादा है। विदेशी बाजारों में सबसे अधिक डिमांड मारुति डिजायर, स्विफ्ट, एस-प्रेसो, बलेनो और ब्रेजा की है। कुल एक्सपोर्ट किए गए गाड़ियों में सबसे अधिक संख्या इन गाड़ियों की है।