बहुत ही खतरनाक है यह मोबाइल एप, जैकलीन की तरह कोई आपको भी फंसा सकता है
पहले किसी को दूसरे के नंबर से फोन करना मुश्किल होता था लेकिन हाईस्पीड इंटरनेट के जमाने में यह बहुत ही आसान हो गया है। आज किसी भी वीडियो में किसी की गर्दन जोड़ना इतना आसान हो गया है कि कुछ कहने लायक नहीं है। बॉलीवुड एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडिस और सुकेश चंद्रशेखर का मामला भी इसी तरह का है। इस पूरे मामले में जैकलीन फर्नांडिस को इसी तरह के एक एप के जरिए गुमराह किया गया और आज मामला इतना बिगड़ गया कि आए दिन जैकलीन फर्नांडिस को पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है। कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि सुकेश ने जैकलीन को पहली बार गृह मंत्री अमित शाह के ऑफिस के नंबर से किया था, जबकि यह कॉल एक स्पेशल मोबाइल एप के जरिए किया गया था जिसमें कॉलिंग आईडी अमित शाह के ऑफिस की सेट की गई थी। आइए जानते हैं कि इस तरह के कॉल कैसे किए जाते हैं और आपको इनसे कैसे सावधान रहना चाहिए।
क्या होती है Spoof कॉलिंग?
आमतौर पर Spoof calls या fake कॉल का इस्तेमाल लोगों से मजाक करने के लिए होता है। स्पूफ कॉलिंग इंटरनेट के जरिए की जाती है और इसमें आपका वास्तविक नंबर नहीं होता। इसमें मनचाहे नंबर को चुनने और कॉलर आईडी सेट करने का ऑप्शन मिलता है। अधिकतर लोग अप्रैल फूल बनाने के लिए Spoof कॉलिंग करते हैं, लेकिन अब इसका गलत इस्तेमाल हो रहा है और इसका सबसे बड़ा उदाहरण एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडिस और सुकेश चंद्रशेखर का मामला है।
Spoof Call वाले एप के जरिए किसी को भी गुमराह किया जा सकता है, हालांकि यह गैरकानूनी भी है। उदाहरण के जरिए समझने की कोशिश करें तो आप किसी भी Spoof Call एप के जरिए प्रधानमंत्री के नाम से भी कॉल कर सकते हैं। Spoof Call वाले एप से जब आप किसी को कॉल करेंगे तो आपके द्वारा की गई सेटिंग के आधार पर जिसे आप कॉल करेंगे उसके फोन में प्रधानमंत्री कार्यालय कॉलर आईडी दिखेगा। ऐसे में जिसे आपने कॉल किया है उसे लगेगा कि सच में पीएम ऑफिस से फोन आया है जबकि सच्चाई यह है कि उसे एक फर्जी नंबर और कॉल के जरिए गुमराह किया जा रहा है।गूगल प्ले-स्टोर पर Spoof Call वाले एप्स की भरमार लगी है। इन एप्स के साथ प्राइवेसी का भी बहुत खतरा रहता है और यदि आपके खिलाफ शिकायत की जाती है तो आपके खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी हो सकती है, क्योंकि Spoof Call करना गैरकानूनी है। अमेरिका से भारत तक में इसके गलत इस्तेमाल पर रोक है लेकिन इन एप्स को बैन नहीं किया जा रहा है।
कॉल स्पूफिंग का सीधा मतलब है कि आपने अपने पापा के नंबर से किसी को कॉल लिया लेकिन आपके पापा को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है और उनका फोन भी उनके पास ही है तो इसे कॉल स्पूफिंग कहा जाएगा। कॉल स्पूफिंग में कुछ भी वास्तविक नहीं होता। तो कुल मिलाकर यही समझना है कि यदि आपके पास भी बिना कॉलर आईडी या संदिग्ध कॉलिंग आईडी के साथ कॉल आता है तो अलर्ट हो जाएं और सोच-समझकर बात करें या फिर दुबारा कॉल करके जरूर कंफर्म करें।