आपको उम्र से 10 साल बूढ़ा बना रही है लॉन्ग कोविड की ये दिक्कत, सोचने-याददाश्त क्षमता पर सबसे ज्यादा असर

कोरोना संक्रमण पिछले तीन साल से अधिक समय से वैश्विक स्वास्थ्य जोखिम रहा है। भले ही इन दिनों संक्रमण के मामले कम रिपोर्ट किए जा रहे हैं पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसके जोखिमों को लेकर सभी लोगों को अलर्ट रहने की सलाह देते हैं। कोरोना संक्रमण के साथ लॉन्ग कोविड भी एक बड़ा खतरा रहा है, जिसका जोखिम लोगों में ठीक हो जाने के एक साल बाद तक भी बना हुआ देखा जा रहा है।
अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि लॉन्ग कोविड के कई दुष्प्रभाव गंभीर और दीर्घकालिक भी हो सकते हैं, जिसको लेकर सभी लोगों को सावधानी बरतते रहने की जरूरत है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि लॉन्ग कोविड की समस्या में जिन लोगों को ब्रेन फॉग की दिक्कत रही है उनमें इसके गंभीर दुष्प्रभाव देखे जा रहे हैं। ब्रेन फॉग की समस्या आपके उम्र को 10 साल तक बढ़ाने जैसे प्रभावों वाली हो सकती है। वैज्ञानिकों ने पाया कि जिन लोगों को तीन माह से अधिक समय तक लॉन्ग कोविड के कारण यह दिक्कत रही है, उनमें इसके गंभीर दुष्प्रभावों का जोखिम सबसे अधिक देखा जा रहा है।

लॉन्ग कोविड और ब्रेन फॉग की समस्या
द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित शोध में वैज्ञानिकों ने लॉन्ग कोविड और ब्रेन फॉग की समस्या को लेकर लोगों को अलर्ट किया है। किंग्स कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में समझने की कोशिश की है कि कोविड-19 किस प्रकार से हमारी मस्तिष्क की क्षमता को प्रभावित करता है? इसमें पाया गया कि संज्ञानात्मक क्षमता में हानि की समस्या उन व्यक्तियों में सबसे अधिक थी जिनमें तीन महीने से अधिक समय तक लॉन्ग कोविड में ब्रेन फॉग की दिक्कत रही है।
अपने पहले संक्रमण के दो साल बाद तक भी कुछ लोग पूरी तरह से ठीक महसूस नहीं कर रहे हैं, कोरोनावायरस के दीर्घकालिक दुष्प्रभाव उनके जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है।

अध्ययन में क्या पता चला?
इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं की टीम ने कोविड के लक्षणों वाले 5,100 से अधिक प्रतिभागियों को शामिल किया गया और स्मार्टफोन ऐप के माध्यम से उनकी संज्ञानात्मक समस्या को समझने का प्रयास किया। शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों में 2021 और 2022 के बीच स्मृति, ध्यान, तर्क और मोटर नियंत्रण जैसे शक्ति की जांच की। जुलाई और अगस्त 2021 के दौरान 3,335 प्रतिभागियों के समूह में शोधकर्ताओं ने कोविड पॉजिटिव लोगों में संज्ञानात्मक स्कोर कम पाया।

संज्ञानात्मक क्षमता को प्रभावित कर रहा है लॉन्ग कोविड
वैज्ञानिकों की टीम ने बताया कि लॉन्ग कोविड के शिकार रहे लोगों में जो स्वास्थ्य समस्याएं देखी जा रही है, यह उसी प्रकार की है जैसे उनकी उम्र 10 साल और अधिक हो। प्रतिभागियों की वृद्धि और मनोवैज्ञानिक क्षमताओं पर भी कोरोना के दुष्प्रभाव देखे गए हैं। अध्ययन के मुख्य लेखक डॉ. नाथन चीथम कहते हैं, अध्ययन में उन व्यक्तियों में कोई भी संज्ञानात्मक हानि या मस्तिष्क से संबंधित समस्या नहीं देखी है जो कोविड के बिल्कुल ठीक हो चुके हैं या जिनमें लॉन्ग कोविड की दिक्कत नहीं थी।

क्या है अध्ययन का निष्कर्ष?
अध्ययन के निष्कर्ष में शोध प्रमुख डॉ नाथन चीथम बताते हैं, यह अध्ययन उन लोगों की निगरानी करने की आवश्यकता को दर्शाता है जिनमें कोविड-19 के बाद मस्तिष्क का कार्य सबसे अधिक प्रभावित रहा है। लॉन्ग कोविड ने कई प्रकार से हमारी सेहत को प्रभावित किया है, फेफड़े-हृदय रोगों के साथ लोगों में मस्तिष्क स्वास्थ्य की समस्याओं का जोखिम सबसे अधिक देखा जा रहा है जिसको लेकर सभी लोगों को अलर्ट रहने की आवश्यकता है।
