अबकी बार फिर महादेव की होली रहेगी खास, हर मंदिर पर होगा आयोजन
रंगों का उत्सव होली आ गया है। रंगों के पर्व से जुड़ी भोपाल के नजदीकी जिले सीहोर की एक अनूठी परंपरा है। नवाबी शासनकाल में नजदीकी जिले सीहोर में नवाबी होली मनाई जाती थी, लेकिन बीते साल से सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा ने इस परंपरा को बदलकर रख दिया है। सीहोर जिले में अब नवाबी होली नहीं, बल्कि महादेव की होली मनाई जाती है।
होली की रंगीन मस्ती में इस बार की होली सीहोर के लिए खास है। इस बार भी सीहोर में महादेव की होली खेली जाएगी। शहर महादेव के रंग में रंगा आएगा। शहर के अलग-अलग शिव मंदिरों में महादेव की होली का आयोजन होगा। पांच दिवसीय रंगोत्सव के पर्व होली की सोमवार से शुरुआत होने जा रही है। सोमवार धुलेंडी के दिन से रंग, गुलाल का दौर शुरू होगा, जो रंगपंचमी तक चलेगा। पर्व से एक दिन पूर्व रविवार को जिलेभर के बाजारों में लोग होली की खरीदी करते नजर आए।
राजधानी भोपाल के नजदीकी जिले में सीहोर में नवाबी शासन काल से चली आ रही होली की एक अनूठी परम्परा रही है। इसके तहत पहले दिन गेर होती है। होलिका दहन के बाद धुलेंडी पर रंग तो होता ही है, लेकिन शहर में इस दिन पंरपरागत रूप से गेर भी निकलते हैं और गमी की होली मानकर लोग उन घरों पर जाते हैं, जिनके यहां गमी हुई हो। अलसुबह अनेक लोग होलिका दहन स्थल पर जाकर पूजा-अर्चना भी करते हैं। छोटे बच्चों को भी होलिका दहन स्थल पर ले जाया जाता है।