कोरोना टीके की तीनों डोज लेने वालों को इंश्योरेंस प्रीमियम पर मिलेगी बड़ी छूट! जानें क्या है इरडा की तैयारी

कोरोना टीके की तीनों डोज लेने वालों को इंश्योरेंस प्रीमियम पर मिलेगी बड़ी छूट! जानें क्या है इरडा की तैयारी
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कोरोना टीके की तीनों डोज लेने वालों को इंश्योरेंस प्रीमियम पर बड़ी छूट मिल सकती है। दरअसल, बीमा नियामक इरडा ने बीमा कंपनियों से कोविड-19 टीके की तीनों खुराक ले चुके लोगों को साधारण और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के नवीनीकरण पर छूट देने का विचार करने को कहा है। सूत्रों ने कहा कि इसके साथ ही भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने जीवन और साधारण बीमा प्रदान करने वाली कंपनियों से कोविड संबंधित दावों को यथाशीघ्र भुगतान तथा कागजी काम कम करने को भी कहा है। पिछले सप्ताह कोविड-19 को लेकर जागरूकता पैदा करने के लिये आयोजित बैठक में नियामक ने कहा कि बीमा कंपनियों को उन पॉलिसीधारकों को प्रोत्साहन देना चाहिए जो उनके नेटवर्क में आने वाले स्वास्थ्य केंद्रों के जरिये आरटी-पीसीआर जांच कराते हैं।

 

अस्पताल में भर्ती होने पर जमा राशि नहीं लें

 सूत्रों के अनुसार, इरडा ने बीमा कंपनियों से सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार के जरिये कोविड महामारी की रोकथाम के लिये अपनाये जाने वाले व्यवहार को प्रोत्साहित करने को कहा। नियामक ने विदेश यात्रा बीमा के संदर्भ में ऐसी पॉलिसी तैयार करने वालों से विभिन्न देशों में कोविड जांच की जरूरत के बारे में सूचना का प्रचार-प्रसार भी करने को कहा। सूत्रों ने कहा कि नियामक ने बीमाकर्ताओं से यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया कि पैनल में शामिल अस्पताल कोविड-19 को लेकर अस्पताल में भर्ती होने पर जमा राशि नहीं लें। कैशलेस पॉलिसी होने के बावजूद कुछ अस्पतालों ने पहली और दूसरी लहर के दौरान कोविड उपचार के लिये राशि जमा कराने की मांग की थी।

बीमा कारोबार के लिए प्रवेश नियमों में ढील

हाल ही में बीमा नियामक इरडा ने बीमा कारोबार के लिए प्रवेश नियमों को आसान बनाना और ‘सॉल्वेंसी मार्जिन’ में कमी शामिल का फैसला किया था। ‘सॉल्वेंसी मार्जिन’ निर्धारित देनदारियों को हटाने के बाद बीमाकर्ता की अतिरिक्त संपत्ति को बताता है। इस फैसले का मकसद देश में बीमा के प्रसार को बढ़ाना और '2047 तक सभी के लिए बीमा' के लक्ष्य को हासिल करना है। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने अपनी बोर्ड बैठक में निजी इक्विटी (पीई) फंड को बीमा कंपनियों में सीधे निवेश करने की अनुमति दी। इसके अलावा नियामक ने अनुषंगी कंपनियों को बीमा कंपनियों का प्रवर्तक बनाने की अनुमति भी दी है

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