16 मई तक गर्मी करेगी अधिक परेशान, तापमान रहेगा 40 के पार; 12-13 को बारिश के आसार समाप्त
दिल्ली में चिलचिलाती धूप और गर्मी ने दस्तक दे दी है। 12 से 16 मई तक गर्मी से राहत नहीं मिलेगी। इस दौरान तापमान तीन से पांच डिग्री तक तापमान बढ़ेगा और 41-42 डिग्री के बीच पहुंच जाएगा। दिल्ली में अभी तापमान मई के अनुसार बढ़ना शुरू नहीं हुआ है। इस कारण से राहत बनी हुई है, लेकिन धूप परेशान करने लगी है। दिल्ली में बुधवार को अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम 36.7 डिग्री व न्यूनतम तापमान सामान्य से चार डिग्री कम 20.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सर्वाधिक अधिकतम तापमान नजफगढ़ में 39.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पीतमपुरा और पूसा रोड में तापमान 38.9 डिग्री सेल्सियस रहा।
मौसम विभाग की मानें तो अब गुरुवार से तापमान चढ़ने लगेगा। आंशिक रूप से बादल भी छाए रहेंगे लेकिन गर्मी सताएगी। एक दो दिन पहले तक विभाग ने 12-13 को बूंदाबांदी का पूर्वानुमान जताया था, लेकिन अब यह पूर्वानुमान बदल गया है। 13 को 25-30 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से धूल भरी हवा चलेगी। 12 से 16 मई तक तापमान सामान्य से ज्यादा 41-42 डिग्री तक दर्ज होगा। साथ ही न्यूनतम तापमान में भी बढ़ोतरी होगी।
एसी-कूलर में कूल-कूल हुए चिड़ियाघर के वन्य जीव
दिल्ली चिड़ियाघर में जानवरों को गर्मी से बचाने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। वन्य जीवों के लिए वहां कूलर से लेकर एसी के इंतजाम हैं। वहीं, इनकी डाइट भी खास ध्यान दिया जा रहा है। शाकाहारी वन्यजीवों के खाने में जहां खीरा, ककड़ी, तरबूज शामिल हो गए हैं। जबकि मांसाहारी वन्यजीवों के भोजन में मांस की मात्रा कम कर दी है। चिड़ियाघर प्रशासन की कोशिश है कि जानवरों को गर्मी से राहत दिलाई जा सके।
चिड़ियाघर के सांप घर में एसी की व्यवस्था है। उधर, बाघ, हिरण, शेर व भालू समेत कई वन्य जीवों को गर्मी से बचाने के लिए उनके बाड़ों में कूलर और स्प्रिंकलर लगाए गए हैं। वन्य जीवों के बाड़ों में 90 से अधिक कूलर और 250 के करीब स्प्रिंकलर लगाए गए हैं। साथ ही वन्य जीवों को चिलचिलाती धूप से छाया प्रदान करने के लिए लॉन नेट भी लगाए गए हैं। चिड़ियाघर प्रशासन का कहना है कि बाड़ों को गर्मी में ठंडा और नम रखने के लिए समय-समय पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है। वन्यजीवों को सुबह व शाम को नहलाया जाता है। बाघ, हाथी के बाड़ों में तालाब में उचित पानी की व्यवस्था की गई है।
भालू खा रहा है आम, हाथी तरबूज से पेट को कर रहा है ठंडा
चिड़ियाघर में शेर, बाघ, तेंदुआ, भालू समेत अन्य मांसाहारी वन्यजीवों के भोजन से मीट की मात्रा सर्दियों के मुकाबले 12 से 10 किलो कर दी गई है। इसके अलावा भेड़िये, लकड़बग्घा और सियार को दिए जाने वाले मांस की मात्रा भी गर्मी की वजह से घटा दी गई है। इसी तरह दोपहर में भालू को मौसमी फल दिए जा रहे हैं। जिसमें तरबूत, केला, पपीता, आम, मौसमी, नाशपाती समेत कई फल शामिल हैं। ऐसे में किसी को तरबूज खाना ही पसंद है, तो किसी को आम। वन्यजीवों के शरीर में पानी की कमी न हो, इसके लिए उन्हें खाने में मौसमी चीजें दी जा रही हैं। इसमें फल से लेकर सब्जियां मुख्य रूप से दी जा रही हैं। यही नहीं जानवरों को पानी में ग्लूकोज घोलकर दिया जा रहा है। जू रेंज अधिकारी सौरभ वशिष्ठ ने बताया कि गर्मी को देखते हुए वन्यजीवों के खान-पान का खास ख्याल रखा जा रहा है।
वन्य जीवों को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए तरल पदार्थ वाला खाना दिया जा रहा है। बढ़ती गर्मी को देखते हुए जीवों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।