जीव से शिव बनने के लिए 18 पापों का त्याग जरूरी-जय श्रीजी म सा

जीव से शिव बनने के लिए 18 पापों का त्याग जरूरी-जय श्रीजी म सा
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चित्तौड़गढ़। ओजस्वी वक्ता दिवाकर ज्योति जय श्री जी म सा ने शनिवार को खातर महल में धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जीव चाहे तो शिव बन सकता है। जीव 18 पापों से बंधा हुआ है। राग, द्वेष, कषाय आदि में लगा हुआ है और जीव को शिव बनना है तो उसे इन पापों पर विजय प्राप्त करनी होगी। सुधीर जैन ने बताया कि धर्म सभा में तपस्विनी निर्मला कर्णावत के 26 उपवास, तपस्वी मांगीलाल धींग के 25 उपवास, तपस्वी अरुण मेहता के 11 उपवास, तपस्विनी सोनल भड़कत्या के 9 उपवास, मधुर प्रवचनकार, मधुर गायिका साध्वी समीक्षा श्रीजी म सा के 5 उपवास के प्रत्याख्यान हुए। मंगलवार को गुरुदेव हुक्मीचंद का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। 27 सितंबर को सामूहिक दया व्रत का आयोजन रखा गया है। धर्म सभा का संचालन श्रीसंघ मंत्री सुनील बोहरा ने किया।  
 

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