दिल्ली में आज इस सीजन की सबसे ठंडी सुबह, लगातार गिर रहा पारा, आ रही कंपाने वाली ठंड

दिल्ली में आज इस सीजन की सबसे ठंडी सुबह, लगातार गिर रहा पारा, आ रही कंपाने वाली ठंड
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नई दिल्ली: दिसंबर के दस दिन बीत गए हैं, लेकिन राजधानी से कड़ाके की सर्दी दूर है। काफी लोगों ने अब तक अपनी जैकेट तक नहीं निकाली है। हालांकि रविवार से ठंड थोड़ी सी बढ़ी है लेकिन यह दिसंबर के मध्य को देखते हुए नाकाफी है। एक्सपर्ट के अनुसार दिल्ली ही नहीं बल्कि उत्तर पश्चिम भारत और मध्य भारत में भी अभी कड़ाके की सर्दी का इंतजार चल रहा है। लेकिन अब अगले दो दिल दिल्ली में ठंड बढ़ने वाली है। लगातार तापमान में गिरावट हो रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि अब दिन में भी सर्दियों वाले कपड़े पहनने पड़ सकते हैं।

दिल्ली में सीजन की सबसे ठंडी सुबह

राजधानी दिल्ली में आज इस सीजन की सबसे ठंडी सुबह रही। दिल्ली में आज का न्यूनतम तापमान महज 6.5 डिग्री रहा। यह सामान्य से 3 डिग्री कम है। मौसम विभाग ने न्यूनतम तापमान 7 डिग्री रहने का अनुमान जताया था।

अगले दो दिन और बढ़ेगी ठंड

राजधानी में अब धीरे-धीरे ठंड अपने पैर फैलाती दिख रही है। आज और कल सुबह के समय ठंड और अधिक बढ़ सकती है। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार और मंगलवार को न्यूनतम तापमान सात डिग्री के स्तर पर रह सकता है। रविवार को पूरे दिन चली ठंडी हवाओं की वजह से दिन के तापमान में कमी आई है। दोपहर के समय लोग धूप सेकते कई जगहों पर दिखाई दिए। अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 23.4 डिग्री रहा। न्यूनतम तापमान भी सामान्य से एक डिग्री कम महज 8.3 डिग्री रहा। हवा में नमी का स्तर 44 से 100 प्रतिशत रहा। पालम में अधिकतम तापमान महज 21 डिग्री, गुरुग्राम में 21.8 डिग्री, गाजियाबाद 21.1 डिग्री, जाफरपुर में 22 डिग्री और मयूर विहार में 21.8 डिग्री रहा। वहीं मंगेशपुर में न्यूनतम तापमान 8.6 डिग्री, जाफरपुर में 9 डिग्री, गुरुग्राम में 9.2 डिग्री, आया नगर में 9.4 डिग्री ओर लोदी रोड में 8 डिग्री रहा। सोमवार को आसमान साफ रहेगा। अधिकतम तापमान 24 और न्यूनतम तापमान महज 7 डिग्री रह सकता है। 12 दिसंबर को भी न्यूनतम तापमान 7 डिग्री तक रह सकता है। इसके बाद 13 से 16 दिसंबर तक अधिकतम तापमान 23 से 24 डिग्री और न्यूनतम तापमान 7 से 9 डिग्री के बीच रह सकता है।

इस बार क्यों नहीं पड़ रही कड़ाके की सर्दी

सर्दी के जोरदार तरीके से न पड़ने की कई वजह एक्सपर्ट बता रहे हैं। स्काईमेट के महेश पलावत के अनुसार कड़ाके की सर्दी न पड़ने की सबसे बड़ी वजह यह है कि इस बार कमजोर वेस्टर्न डिस्टरबेंस ही अब तक आए हैं। अक्टूबर और नवंबर में कोई प्रभावी वेस्टर्न डिस्टरबेंस नहीं आया। दिसंबर का पहला हफ्ता पश्चिमी हिमालय में भी लगभग पूरी तरह शुष्क रहा है। इसकी वजह से पहाड़ अब तक बर्फ की चादर से नहीं ढ़के हैं। ऐसे में हिमालय की तरफ से जो हवाएं दिल्ली तक पहुंच रही हैं वह बहुत अधिक ठंडी नहीं हैं। यही वजह है कि ठंड भी काफी धीमी रफ्तार से बढ़ रही है। इन हवाओं को भी कमजोर वेस्टर्न डिस्टरबेंस बार-बार दिल्ली पहुंचने से रोक रहे हैं।

बिना बारिश के नहीं बढ़ती ठंड

प्राइवेट वेदरमैन नवनीत अग्रवाल ने बताया कि कड़ाके की ठंड के न आने की एक वजह यह भी है कि उत्तर और उत्तर पश्चिमी भारत में बारिश काफी कम हो रही है। सर्दियों की बारिश तापमान को कम करने और नमी बढ़ाने के लिए जरूरी है। कम तापमान और अधिक नमी की वजह से उत्तर के मैदानी इलाकों में घना कोहरा जमता है। कोहरे की वजह से तापमान तेजी से कम होते हैं। लेकिन नमी के अभाव में इस बार कोहरा भी बहुत अधिक नहीं पड़ा है। वहीं प्रदूषण भी दिल्ली एनसीआर में सर्दियों के कम होने की एक वजह है। प्रदूषक सूरज की गर्मी को सोख लेते हैं और तापमान को तेजी से गिरने से रोकते हैं। इसलिए प्रदूषण की वजह से दिन और रात के तापमान में बहुत अधिक अंतर नहीं आता।

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