ट्रक चालकों ने रोडवेज बसों का चक्का जाम किया, नए साल के पहले दिन बसें नहीं चलने से यात्री हुए परेशान

ट्रक चालकों ने रोडवेज बसों का चक्का जाम किया, नए साल के पहले दिन बसें नहीं  चलने से यात्री हुए परेशान
X

नए साल के पहले ही दिन रोडवेज बसों का अचानक चक्का जाम होने से तमाम यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। ऑल इंडिया ट्रक चालक संगठन ने एक जनवरी को हड़ताल का आह्वान किया था। सोमवार सुबह ट्रक चालक हड़ताल पर चले गए  इस दौरान ट्रक चालकों के साथ अन्य वाहनों के चालक भी इस हड़ताल में शामिल हो गए ।

चालकों ने रोडवेज बस स्टैंड पर जाकर बसों का भी चक्का जाम कर दिया। किसी भी बस को डिपो के बाहर नहीं निकलने दिया। सवेरे जो बेस डिपो से निकलकर मार्ग पर चली गई थी बताया गया है कि उन्हें भी रास्ते में रोक कर खड़ी कर दिया गया है।

Truck Drivers Strike: Truck drivers blocked roadways buses, passengers got

अचानक हुए रोडवेज बस चालकों के चक्का जाम से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ई रिक्शा चालकों को भी आंदोलनकारी चलने नहीं दे रहे हैं।

मेरठ परिक्षेत्र के प्रभारी क्षेत्रीय प्रबंधक लोकेश राजपूत ने बताया कि ट्रक चालकों ने भैसाली बस डिपो, मेरठ बस डिपो, सोहराब बस स्टैंड पर बसों को बाहर नहीं निकलने दिया है। हम उन्हें समझाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आसपास के जिलों में  भी ऐसी ही स्थिति बताई गई है।

 

ट्रकों और प्राइवेट बसों के पहिए थमे
परिवहन के नए कानून का विरोध शुरू हो गया है। मुजफ्फरनगर जिले में ट्रक और निजी बसों के संचालकों ने हड़ताल कर दी। दिल्ली-दून हाईवे पर खतौली में ट्रकों की लाइन लग गई। रोडवेज स्टैंड पर अनुबंधित बसें भी खड़ी कर दी गई है।

परिवहन में नए कानून के बदलाव के विरोध में  मोरना-भोपा बस यूनियन पदाधिकारी और चालक-परिचालकों ने हड़ताल कर दी। सरकार से पुराने कानून को बनाए रखने की मांग भी रखी। जोरदार नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। चालकों ने कहा कि पुराना कानूना ही सही है। 

खतौली में ट्रक चालकों ने चक्का जाम कर दिया। सड़क पर खड़े किए ट्रकों को पुलिस ने जीटी रोड से हटवाकर यातायात सुचारू कराया।

 

लड़खड़ाई परिवहन व्यवस्था, लिफ्ट मांगकर व निजी वाहनों सहित डग्गामार वाहनों सफर करते नजर आए यात्री 
नए कानून के विरोध में सोमवार को रोडवेज बस, ट्रकों समेत प्राईवेट बसों के चालक व परिचालक हड़ताल पर चले गए। जिस कारण परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से लड़खड़ा गई। लोगों को लिफ्ट मांगकर, डग्गामार व निजी वाहनों में सफर कर अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ा। वहीं प्राईवेट वाहन चालकों की चांदी रही। उन्होंने यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाया और कई गुना किराया वसूला। पूरे दिन यात्री परेशान दिखाई दिए।

 

बिजनौर जिले में जहां-तहां थमे बसों के पहिए, यात्री हलकान
देशव्यापी चालकों की हड़ताल के चलते रोडवेज बसों का संचालन भी प्रभावित हुआ है। सरकार द्वारा बनाए गए नए मोटर कानून से नाराज बस चालकों की हड़ताल शुरू हुई। बिजनौर से सुबह अपने निर्धारित समय पर कुछ समय अपने गंतव्य की ओर निकलीं। चालकों की हड़ताल की वजह से जहां-तहां बसों के पहिए थम गए। 

Next Story