हिंदी पट्टी में मोदी पर भरोसा, तेलंगाना ने कांग्रेस को दिया सहारा; बीजेपी की बंपर वापसी

हिंदी पट्टी में मोदी पर भरोसा, तेलंगाना ने कांग्रेस को दिया सहारा; बीजेपी की बंपर वापसी
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नई दिल्ली। भाजपा ने अगले लोकसभा चुनाव से पहले हिन्दी पट्टी के तीन बड़े राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बड़ी जीत के साथ 2024 के महासंग्राम के लिए अपनी सियासी स्थिति बेहद मजबूत कर ली है। वहीं उत्तर भारत के राज्यों में करारी शिकस्त से मायूस कांग्रेस को दक्षिणी राज्य तेलंगाना में जरूर जीत का सहारा मिला है। जहां पार्टी ने चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति के 10 साल के शासन का अंत कर दिया 

राजस्थान में नहीं बदला रिवाज

चुनावी अनुमानों से भी आगे निकलते हुए भाजपा ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में दो तिहाई के बड़े बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है। राजस्थान में भी भाजपा ने रिवाज नहीं बदलने दियाा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जादूगरी भी कांग्रेस को करारी पराजय से नहीं बचा पायी। सेमीफाइनल माने जा रहे इन चुनावों के नतीजों ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस ही नहीं उसकी अगुवाई वाले विपक्षी आइएनडीआइए गठबंधन के लिए फाइनल मुकाबले की राह बेहद चुनौतीपूर्ण है और जनता का नब्ज थामने के लिए उसे अपनी रीति-नीतियों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता का जवाबी विकल्प तलाशने के लिए अभी भारी सियासी मशक्कत करनी पड़ेगी।भाजपा ने चुनावी परिणामों का पूरा सेहरा तत्काल पीएम मोदी के सिर बांध विपक्ष की चुनौतियों की रेखा और लंबी करने में देर भी नहीं लगाई। मिजोरम के नतीजे सोमवार को आएंगे मगर रविवार को चार राज्यों के परिणाम में भाजपा ने 3-1 से बढ़त लेकर आम चुनाव के संग्राम के लिए अपनी सियासत को मजबूत आधार पहले ही दे दिया है।

तेलंगाना की जीत से कांग्रेस को राहत

तेलंगाना की शानदार जीत ने कांग्रेस को राहत तो दी मगर तीन राज्यों की हार के जख्म ने इस कामयाबी का जश्न मनाने के मौके से महरूम कर दिया। कांग्रेस ने अपने चुनावी नैरेटिव और स्थानीय चेहरे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी की लोकप्रियता के दम पर तेलंगाना में केसीआर की अगुवाई वाले बीआरएस के लगातार तीसरी पारी के सपनों को चकनाचूर करते हुए स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता हासिल कर ली। अलग तेलंगाना राज्य के गठन के बाद कांग्रेस पहली बार 119 सदस्यीय विधानसभा में 65 सीटें जीतकर सरकार बनाने जा रही है।

सीएम के प्रबल दावेदार रेवंत रेड्डी

कांग्रेस के चुनावी जीत के मुख्य शिल्पकार रेवंत रेड्डी स्वाभाविक रूप से तेलंगाना के अगले मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। तेलंगाना में वैसे कांग्रेस की इस जीत के विशेष मायने हैं, क्योंकि कुछ महीने पहले तक पार्टी सूबे में भाजपा से नीचे तीसरे पायदान पर आंकी जा रही थी, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने सूबे के नेताओं के साथ मिलकर साझी संगठनात्मक और सियासी रणनीति से केसीआर को चित करने में कामयाबी हासिल की है। तेलंगाना में पार्टी की सफलता इस बात का भी साफ संकेत है कि दक्षिण के राज्यों में कांग्रेस यह राजनीतिक संदेश देने में कामयाब हो रही है कि राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा से मुकाबला करने में वही सक्षम है। छह महीने पहले कर्नाटक में मिली जीत के बाद तेलंगाना के नतीजे कम से कम दक्षिण भारत में कांग्रेस की पैठ कायम रहने की ओर भी इशारा कर रहे हैं।

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