दो दिवसीय प्रधानाध्यापक वाक्पीठ प्रारम्भ
चित्तौड़गढ़। आज समाज को और बालक-बालिकाओं को शिक्षा देकर भावी राष्ट्र के लिए शिक्षक ही तैयार करता है। उसे कई चुनौतियों का सामना भी विद्यालय में करना पड़ता है, उसके बावजूद भी वह बिना थके सरकार और समाज के बीच की धूरी बनते हुए सरकार की कई योजनाओं से भी लाभान्वित करने का कार्य करता है। उक्त विचार आज चतुर्थ ब्लॉक स्तरीय प्रधानाध्यापक वाकपीठ के उद्घाटन में मुख्य अतिथि पद से राजस्थान धरोहर प्राधिकरण अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह जाड़ावत ने व्यक्त किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सीबीईईओ जयारानी राठौड़ ने अतिथियों का स्वागत करते हुए वाकपीठ पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में सभापति संदीप शर्मा, अनिल सोनी, गजानन्द शर्मा, पार्षद राजेश सरगरा, एसीबीईईओ शम्भूलाल सोमानी, नरेन्द्र गदिया थे। वाकपीठ अध्यक्ष नारायणसिंह चुण्डावत, सचिव किशनलाल सालवी, आयोजन सचिव सुरेश खोईवाल ने बताया कि राउप्रावि नवीन चन्देरिया के संयोजन में वाकपीठ प्रातः 10 बजे रजिस्ट्रेशन के साथ शुरू हुई। वाकपीठ में वार्ताकार चंदा तेली, शम्भूलाल सोमानी, दिनेश सालवी, पतराम कुमार, कमलेश त्रिवेदी, पारस टेलर, गणेश नारायण माली ने विभिन्न वार्ताएँ प्रस्तुत की। वाकपीठ के द्वितीय सत्र में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी प्रमोद दशोरा, अति जिला शिक्षा अधिकारी ओमप्रकाश मेनारिया, कर्मचारी नेता हेमंत संत, शिक्षक संघ प्रगतिशील के कालूराम खटीक, अतिथि थे। कार्यक्रम में अतिथियों का महेश नुवाल, राजेन्द्र निमावत, लीलाराम धोबी, रवि मोहनपुरिया, सुरेन्द्र सिंह राजपूत, लक्ष्मीलाल गंगवाल, मुबारिक खान, कैलाश खटीक, ज्ञानमल चावला, मेवालाल खटीक, तसव्वूर हुसैन, रतनलाल सालवी, राजूलाल तेली, अनिता मेहता, इन्द्रा शर्मा, नोसर जाट, दिप्ती चारण ने स्वागत किया।