ध्वनि प्रसारक एवं विस्तारक यंत्रों तथा लाउडस्पीकर का उपयोग प्रतिबन्धित
चित्तौडग़ढ़। जिला मजिस्ट्रेट गौरव अग्रवाल ने एक आदेश जारी कर राजस्थान कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1963 की धारा 5 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सम्पूर्ण जिले के समस्त क्षेत्र में कोलाहल नियंत्रण हेतु समस्त प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग के लिए निषेधाज्ञा प्रसारित की हैं। निषेधाज्ञा में किसी भी प्रकार के वाहन पर लगाये गये लाउडस्पीकरों के उपयोग की अनुमति प्रात: 6 बजे से पूर्व तथा रात्रि 10 बजे के बाद नहीं दी जा सकेगी। स्वीकृति योग्य अवधि में भी ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग अधिक तेज आवाज से नहीं किया जावेगा।
लाउडस्पीकर लगाकर प्रचार के उपयोग में लिये जाने वाले वाहन की भी सक्षम अधिकारी से स्वीकृति प्राप्त करनी होगी तथा खर्चे का संधारण निर्धारित रजिस्टर में किया जाकर चुनाव खर्च में दर्शाना होगा। उक्त अवधि में किसी सार्वजनिक सभा अथवा जुलूस के लिए पूर्ण रूप से स्थिर किसी लाउडस्पीकर का प्रयोग किए जाने के संबंध में संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट से पूर्व लिखित अनुमति प्राप्त करनी होगी। वाहनों पर लाउडस्पीकर लगाये जाने की स्थिति में अनुमति प्रदान करने के लिए सक्षम अधिकारी को अनुमति हेतु प्रस्तुत आवेदन पत्र में वाहन रजिस्ट्रेशन, वाहन का प्रकार अभ्यर्थी अथवा राजनैतिक दल का नाम अंकित किया जाएगा एवं इसी प्रकार का अंकन सक्षम अधिकारी द्वारा जारी स्वीकृति में किया जायेगा।
उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार रात्रि 10 बजे से प्रात: 6 बजे तक लाउडस्पीकर अथवा अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग वर्जित है। उपरोक्त निर्धारित समयावधि के बाहर या संबंधित सक्षम प्राधिकारी की लिखित अनुमति के बिना उपयोग किये जा रहे किसी लाउडस्पीकर को उस लाउडस्पीकर के उपयोग से जुड़े सभी यंत्रों तथा संबंधित वाहन के साथ पुलिस अधिकारियों द्वारा जब्त कर उपयोगकर्ता के विरुद्ध राजस्थान कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1963 के अन्तर्गत कार्यवाही की जावेगी। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होकर 5.12.2023 तक प्रभावी रहेगा।