VIDEO भिंडी बनी फायदे की खेती, किसान को कम लागत में अधिक मुनाफा

VIDEO भिंडी बनी फायदे की खेती, किसान को कम लागत में अधिक मुनाफा
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सवाईपुर ( सांवर वैष्णव ) सवाईपुर के किसान को भिंडी की खेती मुनाफे की खेती साबित हो रहे हैं और यहां किसान को कम लागत में अधिक मुनाफा हो रहा है, किसान द्वारा उपजाई गई सब्जी का शहरवासी इंतजार करते हुए इन्ही से सब्जी खरीदना चाहते है, सब्जी का स्वाद ही अलग है गांवो की सब्जियों का | क्यूं की सब्जियां कुओं, नलकूप सहित कई जलस्त्रोतो के मीठे पानी, देशी खाद, कम रासायनिक दवाई से पैदावार रहती सब्जियां‌ | सवाईपुर के किसान सत्यनारायण माली ने बताया कि दस बिस्वा खेत को तीन से चार बार ट्रेक्टर से जुताई कर चार ट्रॉली देशी खाद डालने के बाद पुनः जुताई कर एक एक फिट दूरी पर एक छोर से दूसरे छोर तक लंबाई में क्यारियां बनाई गई ।तैयार क्यारियों में भिन्डी एक फिट की दूरी पर, इसी में दस फीट दूरी पर लौकी के बीज की बुआई की गई,खेत के चारो ओर मेड के सहारे दस दस फीट दूरी पर कद्दू की बुआई की गई,एक बिस्वा ग्वारफली की सब्जी अलग से बुआई की गई ।

 

उत्पादन

बुआई की गई सब्जी की तीन से चार बार निराई गुड़ाई उपरांत 45से50 दिन बाद भिंडी लगना शुरू होती हे जो चार माह तक उत्पादन होता है ‌, भिन्डी प्रतिदिन 30 किग्राम, लौकी 20 किग्राम, ग्वारफली 10 किग्राम, कद्दू 20 से 30 किग्रा वजन निकलता हैं ।

 

सिंचाई

किसान सत्यनारायण बताते हैं कि सब्जी को एक दिन छोड़कर अगले दिन सिंचाई करना अनिवार्य होता है, खेत पर लगे सोलर संयत्र उत्पादित बिजली से पांच सो मीटर दूरी पर लगे ट्यूब वेल से सिंचाई की जाती है ।

 

बिक्री

किसान कालूलाल माली बताते हैं कि अल सुबह से सब्जियां दोपहर से पूर्व संग्रहित की जाती है, संग्रहित सब्जियो को जिला मुख्यालय भीलवाड़ा बस टेंपो द्वारा ले जाकर बड़े मंदिर के पास लगने वाली शाम की सब्जी मंडियों में बैठकर बेचने से अच्छी कीमत मिलती है |

 

मेहनताना

आधा बीघा यानी दस बिस्वा खेत में उगाई सब्जी से चार माह तक प्रतिदिन 1500 से 2000 रूपये की सब्जियां बिक्री होती है और खर्चा निकलकर एक हजार से पन्द्रह सो रूपये प्रतिदिन आमदनी हो जाती है ||

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