VIDEO धर्म स्थलों पर नहीं हो सकेगी राजनैतिक सभाएं, निर्वाचन आयोग ने पहली बार लगाई रोक
भीलवाड़ा (हलचल)। विधानसभा चुनावों में प्रचार के लिए कोई भी राजनैतिक दल, किसी भी धर्म स्थल के परिसर का उपयोग बैठक और अन्य कार्यों में नहीं कर पाएगा। निर्वाचन आयोग ने पहली बार पाबंदी लगाई है। अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में चुनावी सभाएं और बैठकें धर्म स्थलों पर ही होती रही है। ऐसे में अब बैठकों के लिए राजनैतिक दलों को नया ठिकाना ढूंढना पड़ेगा।
विधानसभा चुनावों को लेकर आज जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष मोदी ने पत्रकार वार्ता के दौरान यह जानकारी देते हुए बताया कि निर्वाचन आयोग ने पहली बार मंदिर, मस्जिद, चर्च सहित सभी स्थलों में किसी भी राजनैतिक दल की बैठक सभा और प्रचार का काम नहीं हो पाएगा। उन्होंने बताया कि पहली बार निर्वाचन आयोग ने इस तरह की रोक लगाई है।
कोई नए पट्टे नहीं बनेंगे :
जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि आचार संहिता के चलते नए पट्टे बनाने का काम नहीं हो पाएगा। किसी भी तरह के पट्टे नहीं बनेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि आचार संहिता से पहले जो विकास के काम या अन्य कार्य शुरू हो गए है वे यथावत जारी रहेंगे लेकिन नए काम नहीं हो पाएंगे।
100 मिनिट में होगा शिकायतों का निस्तारण :
निर्वाचन विभाग ने अपने ऐप पर शिकायत दर्ज होने के बाद उसका निस्तारण का समय सौ मिनट तय किया है। शिकायत के साथ फोटो भी मांगा गया है। निर्वाचन आयोग की वेबसाइड पर चुनाव में होने वाली किसी भी गड़बड़ी और समस्या को लेकर शिकायत की जा सकती है।
नए मतदाता 27 अक्टूबर तक कर सकते है आवेदन :
1 अक्टूबर 2023 को 18 वर्ष पूरे करने वाले युवा मतदान के लिए दावेदार होंगे लेकिन उन्हें 27 अक्टूबर से पहले मतदाता सूची में नाम जुड़वाने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसके लिए बीएलओ और अन्य तरीकों से आवेदन किया जा सकता है। लेकिन इसके बाद किये जाने वाले आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। नाम जोडऩे की प्रक्रिया चुनाव बाद शुरू होगी।
40 लाख तक खर्च कर सकेगा उम्मीदवार :
जिला निर्वाचन अधिकारी मोदी ने बताया कि चुनाव में उम्मीदवार 40 लाख रुपए तक खर्च कर सकेगा और अपने काफिले में 10 गाडिय़ां शामिल कर सकता है और अगर इससे अधिक गाडिय़ां हुई तो उन्हें सभा स्थल या बैठक स्थल से सौ मीटर दूर खड़ी करनी होगी।
जिला निर्वाचन अधिकारी मोदी ने इस दौरान निर्वाचन प्रक्रिया की पूरी जानकारी देते हुए बताया कि चुनाव को लेकर सभी तैयारियां शुरू कर दी गई है। भीलवाड़ा जिले के सातों विधानसभा सीटें अब तीन जिलों में बंट गई है। इसे लेकर कानून व्यवस्था व अन्य जिलों आला अधिकारी भी देखेंगे। लेकिन चुनावी संचालन भीलवाड़ा से ही होगा।