VIDEO टमाटर हुए लाल, दाम 100 रु.किलो तक पहुँचे; RBI की महंगाई कम करने की कोशिशों पर फिर सकता है पानी

VIDEO टमाटर हुए लाल, दाम 100 रु.किलो तक पहुँचे; RBI की महंगाई कम करने की कोशिशों पर फिर सकता है पानी
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भीलवाड़ा। भीषण गर्मी, कम उत्पादन और बारिश में देरी से टमाटर की खुदरा कीमतें देश के कुछ हिस्सों में अब 120 रुपये किलो तक पहुंच गई हैं। थोक बाजारों में यह 70 रुपये किलो तक है। टमाटर के साथ कुछ सब्जियों के दाम भी तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में आरबीआई की महंगाई कम करने की कोशिशों पर ये कीमतें पानी फेर सकती हैं।

व्यापारियों के मुताबिक, मई में टमाटर की कीमतें थोक बाजार में 3-5 रुपये किलो और खुदरा बाजार में 10-20 रुपये किलो थीं। लेकिन जून में यह अचानक बढ़ गई और अब 100 रुपये के पार है। पिछले हफ्ते में टमाटर की कीमतें तीन गुना बढ़ी हैं। हरियाणा व उत्तर प्रदेश से टमाटर की आपूर्ति कम होने से बंगलूरू से टमाटर आ रहा है। हाल में बारिश से फसलों को नुकसान हुआ है। इससे व्यापारी तारों के भरोसे पौधों को खड़ा कर रहे हैं। दिल्ली के व्यापारी महाराष्ट्र के किसानों से टमाटर मंगाने के लिए बात कर रहे हैं।

भीलवाड़ा के व्‍यापारी मथरालाल माली का कहना है कि आगे भी कीमतें ऊंची रहेंगी, ऐसी संभावना नहीं है। जब नई फसल आएगी तो कीमतों में कमी आने की उम्मीद है। लेकिन अगर हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों में बारिश ज्यादा रही तो फसलों पर असर पड़ सकता और कीमतें ऊंची रह सकती हैं। खबरों के मुताबिक, पिछले साल टमाटर की बुआई कम हुई थी, क्योंकि ज्यादातर किसानों ने बीन्स की बुआई शुरू कर दी थी। टमाटर की तुलना में बीन्स का भाव ज्यादा होने से किसानों की अच्छी कमाई होती है।

व्यापारियों का कहना है कि जब पिछले महीने टमाटर की कीमतें एकदम निचले भाव पर पहुंच गई थीं, तब किसानों ने इसकी फसल को खेतों में वैसे ही छोड़ दिया था, जिससे काफी फसल बर्बाद हो गई और इससे आवक भी घट गई। कम भाव मिलने के कारण किसानों ने फसलों पर पेस्टिसाइड या खादों का छिड़काव नहीं किया जिससे उत्पादन में कमी आई।

 

Heat wave low production biparjoy increase tomato prices RBI efforts to reduce inflation may backfire

 

गर्मी और चक्रवात 'बिपरजॉय' का असर
जानकार बताते हैं कि बिपरजॉय तूफान के कारण हुई बारिश से एक तरफ महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में टमाटर की फसल प्रभावित हुई है तो दूसरी ओर बिहार और पश्चिम बंगाल में भीषण गर्मी के कारण भी टमाटर की फसल का नुकसान हुआ है। इसके परिणामस्वरूप देश के कई राज्यों की मंडियों में टमाटर की आवक कम हो गई, जिससे कीमतें रातों-रात आसमान छू गईं। 

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