वयोवृद्ध राजनेता 96 वर्ष के हुए, PM मोदी, गृह मंत्री शाह समेत BJP नेताओं ने दीं शुभकामनाएं
वयोवृद्ध राजनेता लाल कृष्ण आडवाणी आज 96 साल के हो गए। कभी जनसंघ नाम से पहचानी गई, वर्तमान में दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा की नींव रखने वाले नेताओं में शुमार आडवाणी के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत तमाम भाजपा नेताओं ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं।
आडवाणी के जन्मदिन पर मोदी क्या बोले?
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में गृह मंत्री रहे आडवाणी के जन्मदिन पर पीएम मोदी ने कहा कि ईमानदारी और समर्पण की मिसाल रहे आडवाणी जी ने देश को मजबूत बनाने में कभी न भूला जा सकने वाला योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि उनके दूरदर्शी नेतृत्व के कारण ही भारत का विकास और देश की एकता-अखंडता सुनिश्चित हुई। प्रधानमंत्री ने आडवाणी की अच्छी सेहत और उनके दीर्घायु होने की कामना भी की।
आडवाणी का जन्मदिन, राजनीतिक विरासत संभाल रहे शाह क्या बोले
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी आडवाणी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं। कभी आडवाणी ने भी गुजरात के गांधीनगर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया था। ऐसे में उनकी राजनीतिक विरासत संभाल रहे शाह ने उनके जन्मदिन पर कहा, भाजपा और देश में आडवाणी का योगदान अतुलनीय है। इससे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा मिलती रहेगी।
राजनाथ सिंह ने भी अच्छी सेहत की कामना की
आडवाणी की छत्रछाया में सियासत का ककहरा सीखने वाले नेताओं में शामिल रहे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी पूर्व उपप्रधानमंत्री को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं। रक्षा मंत्री ने आडवाणी को राजनीति का प्रमुख स्तंभ करार दिया। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में लंबी पारी खेलने वाले आडवाणी के योगदान को भी याद किया।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने भी दी जन्मदिन की बधाई
भारतीय जनता पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी जन्मदिन की बधाई दी। उन्होंने कहा कि आडवाणी का ज्ञान और कभी हार न मानने की भावना आने वाले कई वर्षों तक हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।
आडवाणी का राजनीतिक जीवन
इनके अलावा भी तमाम भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सात बार के सांसद रहे कद्दावर भाजपाई आडवाणी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं। आडवाणी 12वीं से 16वीं लोकसभा में पांच बार लगातार सांसद निर्वाचित हुए। आठ नवंबर, 1927 को जन्मे आडवाणी पहली बार 1970 में राज्यसभा सदस्य बने। 1976 में दूसरी बार राज्यसभा के निर्वाचित हुए आडवाणी लोकसभा में पहली बार 1989 में चुने गए। चार बार राज्यसभा सदस्य रह चुके आडवाणी का पांच दशक से अधिक लंबा संसदीय जीवन रहा है। लोकसभा की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार सक्रिय संसदीय जीवन में आडवाणी 25 मई, 2019 तक संसद भवन परिसर का विकास और इसके विरासत चरित्र के रखरखाव के मामलों के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य भी रहे।
शुरुआती जीवन, नींव का पत्थर
आडवाणी को करीब से जानने वाले लोग इन्हें भारतीय राजनीति के पितामह की संज्ञा भी देते हैं। 1947 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सचिव के रूप में सार्वजनिक और सांगठनिक जीवन की शुरुआत करने वाले आडवाणी को पंडित दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी और अटल बिहारी वाजपेयी सरीखे नेताओं का सानिध्य मिला। भारतीय जनसंघ की स्थापना के बाद आज इसे भारतीय जनता पार्टी के रूप में दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में जाना जाता है। पार्टी के कार्यक्रमों में कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने के लिए खुद पीएम मोदी भी आडवाणी को नींव का पत्थर बताते हुए इनके योगदान को याद करते हैं।