एनपीए की मांग को लेकर पशु चिकित्सक हड़ताल पर

चित्तौडगढ़़। पशु चिकित्सकों ने नॉन प्रैक्टिस अलाउंस (एनपीए) की मांग को लेकर शनिवार सुबह से ही जिला कलक्टर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। बाद में सभी चिकित्सकों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर पीयूष समारिया को ज्ञापन सौंपकर एनपीए लागू करने की मांग की है और कहा है कि इस बार चुनाव से पहले सभी पशु चिकित्सकों को एनपीए की मांग पूरी कर राहत प्रदान करें। सहायक संयुक्त निदेशक पशु चिकित्सालय चित्तौडगढ़़ डॉक्टर सुमेर सिंह रावत ने बताया कि हमारी एनपीए की मांग विगत 18 सालों से चली आ रही है, लेकिन सभी सरकारों ने हमारी मांगों को अनदेखा किया है। उन्होंने बताया कि गत दिनों मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा भी एनपीए लागू करने का आश्वासन हमें दिया था किंतु गहलोत ने वादा पूरा नहीं किया। अगर हमारी मांगे सरकार द्वारा दो दिनों में पूरी नहीं की जाती है तो सोमवार 18 सितम्बर से सभी पशु चिकित्सक अनिश्चितकालीन काम डाउन हड़ताल पर चले जाएंगे। जिससे जिले में होने वाले पशुओं को इलाज में नुकसान का खामियाजा और पशुपालकों का विरोध सरकार को झेलना पड़ेगा डॉक्टर समर सिंह ने बताया कि राजस्थान में जब लंपी वायरस पशुओं में फैल रहा था तो पशु चिकित्सकों ने रात दिन एक करके पशुओं को लंपी से राहत दिलाने और सरकार को लम्पी से मुक्ति दिलाने में जी-जान एक कर दिया था और राजस्थान सरकार को पशु चिकित्सकों की इस जायज मांग की और ध्यान देना चाहिए।
धरने में प्रगतिशील पशुपालक चैन सिंह, रामचंद्र मीना पूर्व सरपंच, गोशाला प्रतिनिधि दिनेश चन्द्र अग्रवाल, नाथू लाल पूरबीया, सुरेश शर्मा सहित लगभग 85 पशुपालक, गौशाला प्रतिनिधि, डॉक्टर सुमेर सिंह रावत, डॉक्टर सुनिल डोले, डॉक्टर ओम प्रकाश मेहरा, डॉक्टर धर्मेंद्र सोन उपस्थित रहें।