राजस्थान संस्कृत अकादमी द्वारा वैदिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ताराशंकर शर्मा पाण्डेय का श्रेष्ठ साहित्यकार के लिए चयन
निंबाहेड़ा | 4 मई को राजस्थान संस्कृत अकादमी जयपुर द्वारा श्रीकल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय निंबाहेड़ा चित्तौड़गढ़ के कुलपति प्रो. ताराशंकर शर्मा पाण्डेय को श्रेष्ठ साहित्यकार के रूप में भट्ट मथुरानाथ शास्त्री- साहित्य सम्मान दिया जाएगा। यह सम्मान संस्कृत साहित्य में भट्टयुग (1930-1960) प्रवर्तन के मूल एवं गजल विधा के प्रथम प्रयोगधर्मी मनीषी साहित्यकार भट्ट मथुरानाथ शास्त्री के नाम से प्रतिवर्ष दिया जाता है। विश्वविद्यालय प्रवक्ता डॉ मृत्युञ्जय तिवारी ने बताया कि इस सम्मान को प्राप्त करने वाले प्रो. ताराशंकर शर्मा पाण्डेय को अनेक राष्ट्रीय एवं राज्यस्तरीय पुरस्कार सम्मान प्राप्त हुए हैं। जिनमें उनके काव्य अहमेव राधा अहमेव कृष्ण: पर केन्द्रीय साहित्य अकादमी, भारत सरकार द्वारा संस्कृत अनुवाद पुरस्कार तथा राजस्थान सरकार से संस्कृत साधना सम्मान के साथ अनेक अकादमियों तथा संस्थानों से विविध सम्मान एवं पुरस्कार मिल चुके हैं। भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों के विभिन्न कमेटी शिक्षाविद के रूप में भी इनको स्थान प्राप्त है। सम्मान का समाचार मिलते ही विश्वविद्यालय में खुशी की लहर दौड़ पड़ी, विश्वविद्यालय के सभी शैक्षणिक व अशैक्षणिक कर्मचारियों ने बधाई दी। इस मौके पर विश्वविद्यालय संरक्षक कैलाशचंद्र मूंदड़ा ने ठाकुर श्री का अभिवादन पूर्वक संस्कृत अकादमी के पदाधिकारियों व मंत्री बी.डी कल्ला का भी धन्यवाद दिया। आगामी 4 मई को होने वाले राज्य स्तरीय पुरस्कार सम्मान समारोह में प्रशस्ति पत्र प्रदान कर प्रो पाण्डेय को सम्मानित किया जाएगा। समारोह में मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री डॉ बीडी कल्ला होंगे। राजस्थान संस्कृत अकादमी के अध्यक्ष डॉ सरोज कोचर अध्यक्षता करेगी। विशिष्ट अतिथि के रूप में राजस्थान ललित कलाकादमी अध्यक्ष लक्ष्मणप्रसाद व्यास, राजस्थान उर्दू अकादमी अध्यक्ष डॉ हुसैन रजा खान, पं जवाहरलाल नेहरू बाल साहित्याकादमी अध्यक्ष इकराम राजस्थानी मौजूद रहेंगे।