video अवैध संबंध में रोड़ा बनी पूर्व प्रेमिका के कत्ल के आरोपित प्रेमी को आजीवन कारावास

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 भीलवाड़ा प्रेमकुमार गढ़वाल। तेरह साल  पुराने कंकु हत्याकांड मामले में अजीतपुरा, करेड़ा के हरदेव पुत्र आसू गुर्जर को आजीवन कारावास की सजा और 20 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया गया है। फैसला, शनिवार को अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश (महिला उत्पीडऩ प्रकरण) ने सुनाया। विशिष्ट लोक अभियोजक संजू बापना ने अदालत में  27 गवाहों के बयान कलमबद्ध करवाते हुये 51 दस्तावेज पेश कर हरदेव पर लगे आरोप सिद्ध करवाये। 

अदालत सूत्रों के अनुसार,13 जून 2011 को करेड़ा पुलिस को आमदला सरपंच रूपलाल ने सूचना दी कि अजीतपुरा निवासी आसू पुत्र तुलछा गुर्जर के कुएं में लाश पड़ी है। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। उधर, शंभुगढ़ पुलिस भी लापता महिला कंकू की तलाश में वहां आ गई। मृतका के हाथ पर कंकू गुदा हुआ था। पुलिस ने मृतका के भाई  गोपाल गुर्जर को मौके पर बुलवाया। इसके चलते मृतका का पति बालु गुर्जर व उसका भाई गोपाल गुर्जर मौके पर पहुंचे। हाजियास निवासी बालु गुर्जर ने मृतका की पहचान पत्नी कंकू के रूप में की। कंकू का शव कुएं से निकलवाया। मृतका के  गले व छाती पर रस्सी से पत्थर बंधे हुये थे। पति ने पुलिस को बताया कि  महिला कंकू को नौ जून को अजीतपुरा निवासी हरदेव पुत्र आसू गुर्जर लेकर गया था। इस संबंध में शंभुगढ़ थाने में रिपोर्ट दी गई। बालु ने संदेह जताया कि कंकू की हत्या हरदेव ने की है। कंकू के गहने भी गायब थे। करेड़ा पुलिस ने जांच की तो पता चला कि हरदेव ने 7 जून 2011 से कंकू से फोन पर बात करना शुरु किया। उसने सुखी से भी लंबी बात फोन पर की। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपित हरदेव व मृतका का पति बालू महाराष्ट्र में कुएं खोदने का काम करते थे। इसके चलते उनकी जान पहचान हो गई। बालू की पत्नी कंकू का भी हरदेव से परिचय हो गया। कंकू निसंतान थी। कंकू के पास हाजियास में हरदेव का आनाजाना शुरु हो गया। दोनों के बीच अवैध संबंध स्थापित हो गये। हरदेव ने कंकू को मोबाइल सिम दी। डेढ़ साल पहले सगाई  कार्यक्रम था।  सगाई में हरदेव भी शामिल हुआ। कंकू ने हरदेव का परिचय शंभुगढ़ थाना इलाके में रहने वाली सुखी नामक महिला से करवाया। इसके बाद हरदेव के सुखी से संबंध बन गये। इसकी भनक कंकू को लगी तो वह नाराज रहने लगी। हरदेव ने कंकू से दूरी बना ली और सुखी से संबंध बना लिये। इसके चलते सुखी और कंकू के बीच कड़वाहट हो गई। 
इसके बाद हरदेव व सुखी ने मिलकर कंकू को रास्ते से हटाने की प्लानिंग की। 9 जून 2011 को हरदेव ने कंकू को फोन कर हाजियास से आसींद बुलाया। इसके बाद वह उसे अपने कुएं तक बाइक पर बैठाकर ले गया। जहां उसने कंकू की हत्या कर दी और लाश को पत्थर बांधकर कुएं में डाल दिया और उसके गहने व मोबाइल चुरा लिया। इस खुसासे के बाद पुलिस ने दोनों आरोपितों हरदेव गुर्जर व सुखी को गिरफ्तार कर अपराध धारा 302, 201 के तहत चार्जशीट न्यायालय में पेश की। न्यायालय ने इस प्रकरण में सुनवाई करने के बाद शनिवार को फैसला सुनाया। न्यायालय ने आरोपित हरदेव गुर्जर को हत्या कर सबूत मिटाने के आरोप में आजीवन कारावास के साथ ही 20 हजार रुपये के आर्थदंड से दंडित किया,  जबकि सुखी गुर्जर को  बरी कर दिया गया। 

  

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