टीवी समाचार चैनलों के स्व-नियामक तंत्र को सख्त बनाना चाहते हैं , सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी
टीवी समाचार चैनलों की निगरानी के स्व-नियामक तंत्र को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अहम टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि वह इस तंत्र को सख्त बनाना चाहता है। कोर्ट ने न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (एनबीडीए) को नए दिशानिर्देशों के साथ आने के लिए चार सप्ताह का समय भी दिया।
भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने इन जवाबों का संज्ञान लिया कि एनबीडीए नए दिशा-निर्देशों को तैयार करने के लिए अपने मौजूदा अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) एके सीकरी और पूर्व अध्यक्ष आरवी रवींद्रन के साथ परामर्श कर रहा है। एनबीडीए की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने नए दिशा-निर्देशों के साथ आने के लिए चार सप्ताह का वक्त मांगा।
इस बीच केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार पहले ही तीन चरणीय तंत्र बना चुकी है, जिसमें से पहला स्व-नियामक ही है। 'न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया' (एनबीएफआई) की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि एनबीडीए के उलट 2022 नियमों के मुताबिक एनबीएफआई ही ऐसी एकमात्र नियामक इकाई है, जो केंद्र के साथ पंजीकृत है। एनबीएफआई को भी अपने स्वयं के नियम दाखिल करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि हम यहां एनबीडीए और एनबीएफआई के वैचारिक मतभेदों को नहीं सुलझा सकते। हम नहीं चाहते कि दो प्रतिद्वंदियों की बहस के बीच यह याचिका कहीं गुम हो जाए। हम उनके नियमों को देखेंगे और उसके बाद आपके। इसके बाद प्रधान न्यायाधीश ने मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद के लिए निर्धारित कर दी।
इससे पहले शीर्ष कोर्ट ने टीवी समाचार चैनलों की निगरानी के लिए मौजूदा स्व-नियामक तंत्र में त्रुटियां पाई थीं। कोर्ट ने इसे अधिक प्रभावी बनाने की इच्छा जाहिर की थी। कोर्ट ने इसके लिए केंद्र से जवाब मांगा था। पीठ ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि वह मीडिया पर किसी प्रकार की सेंसरशिप नहीं लगाना चाहती।
अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका पर सीबीआई को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने कथित मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस नेता अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जवाब मांगा है। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी ने जांच एजेंसी को नोटिस जारी किया और याचिका पर जवाब मांगा। इससे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट ने जनवरी में अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। वे पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष हैं। अपने जमानत के अनुरोध में मंडल ने कहा था कि वह मामले में 145 दिन से अधिक समय से हिरासत में हैं।