उज्जैन में तेज बारिश के बाद बढ़ा शिप्रा नदी का जल स्तर, रामघाट का मंदिर जलमग्न

उज्जैन में तेज बारिश के बाद बढ़ा शिप्रा नदी का जल स्तर, रामघाट का मंदिर जलमग्न
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उज्जैन और आस-पास के इलाकों में हुई तेज बारिश से शिप्रा नदी का जल स्तर बढ़ गया है। शहर में मंगलवार को दोपहर बाद इस सीजन की सबसे तेज बरसात हुई। इतनी तेज की घंटेभर की बरसात में ही पूरा शहर पानी से तरबतर हो गया। मुख्य सड़कों सहित कई कालोनियों में घुटनों तक पानी भरा गया। आवाजाही बाधित हो गई।

बेगमबाग, मंछामन, छोटी कमल कालोनी सहित कई कालोनियों में तो लोगों के घरों तक में पानी तक भरा गया। राहत देने को बरसते पानी में  उज्जैन नगर निगम का अमला ताकत आजमाता नजर आया। वर्षा का दौर देर रात तक चलता रहा। बता दें कि मंगलवार को दोपहर 2.30 बजे से पहले बादल छाए हुए थे।

 उज्जैन में तेज बारिश से मौसम में घुली ठंडक लोग उमस से परेशान हो रहे थे, कि अचानक काले घने बादल छाए, हवा की रफ्तार बढ़ी और ऐसी बरसात हुई कि घंटेभर में ही पूरा शहर पानी से तरबतर हो गया। इससे मौसम में ठंडक भी घुल गई। बरसात देर रात तक जारी रही। जीवाजी वेधशाला के अनुसार देर शाम तक ढाई इंच से अधिक बरसात हुई। इससे इस सीजन में हुई बरसात का आंकड़ा बढ़कर 10 इंच (250 मिलीमीटर) से अधिक पहुंच गया।

इधर, जल निकासी का इंतजाम ठीक न होने से कई कालोनियों की सड़कों पर पानी भरा गया। नगर निगम और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कंट्रोल रूम पर जल जमाव की शिकायतें भी पहुंचे। शिकायत मिलते ही अधिकारी जेबीसी, पोकलेन और कुछ कर्मचारी लेकर मंछामन, बेगमबाग कालोनी में पहुंचे और राहत कार्य में जुटे। अफसरों को इस बात की चिंता रही कि नालों का पानी कहीं उफनकर  महाकाल महालोक में न घुस जाए। इसलिए उन्होंने दोगुनी ताकत लगाकर बरसते पानी में भी कार्य किया।

शिप्रा नदी और गंभीर बांध का जल स्तर बढ़ा केचमेंट एरिया में बरसात के कारण  शिप्रा नदी और गंभीर बांध में जल स्तर बढ़ा है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अनुसार गंभीर बांध में मंगलवार की बरसात से पानी बढ़ा है। बीते सात दिनों में कुल 150 मिलियन क्यूबिक फीट (एमसीएफटी) पानी गंभीर बांध में बढ़ चुका है। बांध में अब 389 एमसीएफटी पानी उपलब्ध हो गया है। बांध की क्षमता 2250 एमसीएफटी है।

महाकाल मंदिर के नंदी हॉल में भी भराया पानी

महाकाल मंदिर में वर्षा का पानी नंदी हॉल में प्रवेश कर गया, मंदिर प्रशासन ने मोटरें लगाकर पानी बाहर निकलवाया। मंदिर प्रशासन के अनुसार परिसर में निर्माण कार्य चलने के कारण नालियां जाम हो गई थीं। अचानक आई तेज वर्षा के कारण नालियों से पानी की निकासी नहीं हो पाई और परिसर का पानी रैंप से नंदी हॉल में प्रवेश कर गया। पानी निकलाने के लिए तत्काल मोटरे लगाई गई तथा पाइप से पानी लिफ्ट कर बाहर फेंका गया। तत्काल नालियों की सफाई कर जल निकासी सुगम कराई गई। उल्लेखनीय है कि यह स्थिति पिछले साल भी बनी थी।

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