वित्त मंत्री के पिटारे से विदेश, गृह और शहरी विकास मंत्रालयों को क्या मिला? अंतरिम बजट की झलकियां
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 58 मिनट के बजट भाषण में कोई बड़ा एलान नहीं हुआ। केंद्र सरकार के पिटारे से विदेश, गृह और शहरी विकास मंत्रालयों को क्या मिला, ये जानना दिलचस्प है। देखिए अंतरिम बजट की कुछ अहम झलकियां
संसद में करीब 58 मिनट के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोई बड़ा एलान नहीं किया। वित्त मंत्री ने विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय जैसे प्रमुख विभागों को कितना फंड दिया, यह जानना बेहद दिलचस्प है। बुधवार 31 जनवरी को संसद के बजट सत्र की शुरुआत के बाद केंद्र सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में अंतरिम बजट पेश किया। बजट भाषण में वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में गृह मंत्रालय को 202868.70 करोड़ रुपए आवंटित किए गए।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को कितनी राशि मिली
सरकार ने पुलिस को 132345.47 करोड़ रुपए दिए गए। इसके अंतर्गत अर्धसैनिक बलों की भी गिनती होती है। 37277.74 करोड़ रुपए जम्मू-कश्मीर को दिए गए। बता दें कि 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांटा गया है। लद्दाख अलग केंद्र शासित प्रदेश बना है। हालांकि, यहां विधानसभा नहीं है। सरकार ने लद्दाख को 5958 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।
केंद्र शासित प्रदेशों को कितनी राशि मिली
इन दोनों के अलावा केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को 5866.37 करोड़ रुपए, चंडीगढ़ को 5862.62 करोड़, पुडुचेरी को 3269.00 करोड़, दादरा और नगर हवेली व दमन एवं दीव को 2648.97 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। पीएम मोदी के प्रवास के बाद नए सिरे से सुर्खियां बटोर रहे प्रदेश लक्षद्वीप को 1490.10 करोड़ रुपए, जबकि दिल्ली को 1168.01 रुपए दिए गए हैं।
वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय कैबिनेट को 1248.91 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की है। इसके दायरे में अंतर्गत मंत्रिपरिषद, कैबिनेट सचिवालय, प्रधानमंत्री कार्यालय भी आता है। सरकारी आतिथ्य और मनोरंजन पर होने वाले खर्च भी इसी फंड से दिए जाते हैं। इन मदों के अलावा अर्धसैनिक बलों को भी सरकार ने करोड़ों रुपए आवंटित किए हैं।
सीआरपीएफ को 2023-24 में 31389.04 करोड़ रुपए के संशोधित अनुमान से बढ़ाकर 32809.65 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को 25027.52 करोड़ रुपए (2023-24 में 25038.68 करोड़ रुपए ), सीआईएसएफ को 13655.84 करोड़ रुपए (12929.85 करोड़ रुपए ) दिए गए।
भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को 8253.53 करोड़ रुपए (2023-24 में 8203.68 करोड़ रुपए ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) को 8485.77 करोड़ रुपए (2023-24 में 8435.68 करोड़ रुपए ) और असम राइफल्स को 7368.33 करोड़ रुपए (2023-24 में 7276.29 करोड़ रुपए) आवंटित किए।
शहरी विकास मंत्रालय को वित्त मंत्रालय ने क्या दिया?
ग्रामीण विकास मंत्रालय का बजट बढ़ाकर 2024-25 में 1.77 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया। पिछले साल (1.57 लाख करोड़ रुपए) की तुलना में लगभग 12 प्रतिशत वृद्धि हुई है। हालांकि, संशोधित अनुमान की तुलना में, मंत्रालय द्वारा की गई मध्य-वर्ष की समीक्षा में व्यय 1.71 लाख करोड़ रुपए था, वृद्धि तीन प्रतिशत है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में पेश अंतरिम बजट में 2024-25 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) के लिए 86,000 करोड़ रुपए आवंटित किया। पिछले बजट में 60,000 करोड़ रुपए से लगभग 43 प्रतिशत अधिक पैसे आवंटित किए गए हैं।
वित्त मंत्रालय के पिटारे से विदेश मंत्रालय को क्या मिला?
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए विदेश मंत्रालय को अंतरिम बजट में 22,154 करोड़ रुपए का आवंटन हुआ है। वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कि पिछले साल का परिव्यय 18,050 करोड़ रुपए था। उन्होंने कहा कि भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट' नीति के तहत 2,068 करोड़ रुपए का आवंटन किया जाएगा। सहायता पोर्टफोलियो का सबसे बड़ा हिस्सा भूटान को दिया गया है। पिछले वित्त वर्ष यानी- 2023-24 में इस हिमालयी राष्ट्र के लिए विकास का खर्च 2,400 करोड़ रुपए था।
मालदीव के शेयर में कटौती
बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा, ईरान के साथ कनेक्टिविटी परियोजनाओं पर भारत का फोकस बना हुआ है। चाबहार बंदरगाह के लिए आवंटन 100 करोड़ रुपए पर बनाए रखा गया है। बजट दस्तावेजों के अनुसार, मालदीव को विकास सहायता पिछले साल के 770 करोड़ रुपए के मुकाबले 600 करोड़ रुपए रखी गई है। अफगानिस्तान के लिए 200 करोड़ रुपए की बजटीय सहायता निर्धारित की गई है।