नए साल में और क्या-क्या बदलेगा? जानें
वर्ष 2022 के अब आखिरी कुछ दिन ही शेष बचे हैं। जनवरी महीने की शुरुआत के साथ ही वर्ष 2023 का आगाज होने वाला है। हर नया महीना अपने साथ कुछ नए बदलाव लेकर आतें हैं, जो आम आदमी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इन बदलावों का सीधा असर हम सबकी जिंदगी पर पड़ता है। कुछ बदलाव तो सीधे हमारी जेब पर असर डालते हैं। 1 जनवरी 2023 से भी कुछ जरूरी नियम बदलने वाले हैं। इनमें क्रेडिट कार्ड, बैंक लॉकर, जीएसटी ई-इन्वॉयसिंग, सीएनजी-पीएनजी के भाव और गाड़ियों की कीमतों से जुड़े बदलाव शामिल हैं। आइए जानते हैं एक जनवरी 2023 से होने वाले उन बड़े परिवर्तनों के बारे में जो हम पर प्रत्यक्ष तौर पर असर डालने वाले हैं।
1. बैंक लॉकर में रखे सामान के नुकसान पर तय होगी बैंकों की जिम्मेदारी
भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से बैंक लॉकर से संबंधित नए निर्देश जारी किए हैं। ये नियम 1 जनवरी 2023 से लागू हो जाएंगे। इन नियमों के प्रभाव में आने के बाद लॉकर के मुद्दे पर बैंक अब ग्राहकों के साथ मनमानी नहीं कर पाएंगे। इन नियमों के लागू होने के बाद अगर बैंक लॉकर में रखे सामान को कोई नुकसान पहुंचता है तो इसके लिए बैंक की जवाबदेही तय की जाएगी। बैंक और ग्राहको के बीच एग्रीमेंट साइन किया जाएगा। यह 31 दिसंबर तक के लिए वैध रहेगा। बैंकों को ग्राहकों को लॉकर से जुड़े नियमों में बदलाव के बारे में सभी जानकारी एमएमएस और अन्य माध्यमों से देनी पड़ेगी।
2. क्रेडिट कार्ड के रिवार्ड प्वाइंट से जुड़े नियम बदलेंगे
क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वालों के लिए भी 1 जनवरी 2023 से नियमों में बदलाव हो जाएगा। यह बदलाव क्रेडिट कार्ड के माध्यम से भुगतान करने पर मिलने वाले रिवार्ड प्वाॅइंट से संबंधित है। नए साल की शुरुआत से एचडीएफसी बैंक अपने क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर मिलने वाले रिवाॅर्ड प्वाइंट्स में बदवाल करने जा रहा है। ऐसे में ग्राहकों को सलाह दी गई है कि वे अपने क्रेडिट कार्ड में बचे सभी रिवॉर्ड प्वाइंट का भुगतान 31 दिसंबर 2022 से पहले ही कर लें। 1 जनवरी 2023 नए नियमों के तहत रिवाॅर्ड प्वाइंट की सुविधाएं दी जाएंगी।
3. पेट्रोल-डीजल और एलपीजी की कीमतों में बदलाव
हर महीने की शुरुआत के साथ पेट्रोलियम कंपनियां पेट्रोल और डीजल की दरें तय करती हैं। पिछले कुछ समय से देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर रही हैं। ऐसे में दिसंबर महीने के आखिरी दिन जब तेल कंपनियां पेट्रोल व डीजल की कीमतों का पुर्ननिर्धारण करेंगे तो इनकी कीमतों में कुछ बदलाव का फैसला लिया जा सकता है। हालांकि ये बदलाव होंगे या नहीं यह पहली जनवरी की सुबह ही साफ हो पाएगा। पेट्रोल और डीजल की कीमतों के साथ-साथ एलपीजी के घरेलू और कमर्शियल सिलेंडरों की कीमतों में भी बदलाव की घोषणा हो सकती है।
4. सीएनजी-पीएनजी की कीमतों में बदलाव
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव के साथ ही वाहनों में इस्तेमाल होने वाले सीएनजी और घरों की रसोई में इस्तेमाल होने वाली पीएनजी गैस की कीमतों में भी बदलाव हो सकता है। बीते कुछ समय में राष्ट्रीय राजधानी और उसके आसपास के इलाकों जैसे नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में बड़ा इजाफा देखने को मिला है। ऐसे में इस महीने के अंत तक गैस कंपनियां इनकी कीमतों में एक बार फिर रिविजन कर सकती हैं। दिल्ली और गुरुग्राम में सीएनजी की कीमतों में लगभग आठ रुपये का अंतर है। पिछले एक वर्षों के दौरान देश की राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में सीएनजी की कीमतों में 70% से अधिक का इजाफा हो गया है। वहीं दूसरी ओर, अक्तूबर महीने में आईजीएल ने घरेलू रसोई में इस्तेमाल होने वाली पाइप्ड प्राकृतिक गैस (पीएनजी) की दर दिल्ली में 50.59 रुपये प्रति एससीएम से बढ़ाकर 53.59 रुपये प्रति मानक क्यूबिक मीटर कर दी थी। अगस्त 2021 के बाद से पीएनजी दरों में यह 10वीं वृद्धि थी। उस दौरान कीमतों में 29.93 रुपये प्रति एससीएम या लगभग 91 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
5. वाहनों की खरीदारी होगी महंगी
नववर्ष 2023 में नए वाहन खरीदना महंगा हो सकता है। प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियों जिनमें एमजी मोटर, मारुति सुजुकी, ह्युंडई मोटर्स, होंडा, टाटा मोटर्स, रेनॉल्ट, ऑडी और मर्सिडीज-बेंच जैसी कंपनियां शामिल हैं, ने अपनी गाड़ियों के कीमतों में इजाफा करने की घोषणा की है। देश की प्रमुख कंपनी टाटा मोटर्स ने कहा है कि वह आगामी 2 जनवरी 2023 से अपने व्यावसायिक वाहनों की कीमतें बढ़ाएगी। होंडा ने भी घोषणा की है कि वह अपनी गाड़ियों की कीमतें 30 हजार रुपये तक बढ़ाएगी। ऐसे में अगर आप नए साल में नई गाड़ी खरीदने की योजना बना रहे हैं तो यह आपके के लिए वर्तमान की तुलना में महंगी साबित हो सकती है।
6. जीएसटी के ई-इन्वॉयसिंग से जुड़े नियम बदलेंगे
जीएसटी ई-इन्वॉयसिंग और इलेक्ट्रॉनिक बिल से जुड़े नियमों में भी नए साल में अहम बदलाव होंगे। सरकार ने जीएसटी की ई-इन्वॉयसिंग के लिए जरूरी सीमा को 20 करोड़ रुपये से घटाकर पांच करोड़ रुपये कर दी है। जीएसटी के नियमों में ये बदलाव 1 जनवरी 2023 से लागू होंगे। ऐसे में जिन व्यापारियों का टर्न ओवर पांच करोड़ रुपये या उससे अधिक है उनके लिए अब इलेक्ट्रॉनिक बिल जनरेट करना जरूरी हो जाएगा।