लोकसभा चुनाव कब होंगे? ममता-नीतीश के दावों से सुगबुगाहट तेज, क्या भाजपा है तैयार?

लोकसभा चुनाव कब होंगे? ममता-नीतीश के दावों से सुगबुगाहट तेज, क्या भाजपा है तैयार?
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दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा तेज है कि केंद्र की मोदी सरकार जनवरी फरवरी में लोकसभा चुनाव करा सकती है। वहीं, अब पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार के हालिया बयान से इन चर्चाओं में दम नजर आ रहा है। ममता बनर्जी और नीतीश कुमार ने कहा है कि यह लोग लोकसभा चुनाव समय से पहले भी करवा सकते हैं। 

..इसलिए न हमलोगों सभी विपक्षी दलों को एकजुट कर रहे 

केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए नीतीश कुमार ने मंगलवार को दावा किया कि लोकसभा चुनाव समय से पहले भी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उसे निश्चित समय पर नहीं कराकर पहले भी करवा सकती है।  हम तो 7 महीना पहले से कर हैं कि यह लोग पहले भी चुनाव करवा सकते हैं। इसलिए न हमलोगों सभी विपक्षी दलों को एकजुट कर रहे हैं। 

ममता का दावा- भाजपा नेताओं ने करा रखी है हेलीकॉप्टर की बुकिंग
बिहार के सीएम नीतीश कुमार के आज के बयान से एक दिन पहले ही बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने दावा किया था कि भाजपा दिसंबर में ही लोकसभा चुनाव करा सकती है। वे तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की युवा शाखा की रैली को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि भगवा पार्टी ने पहले ही हमारे देश को समुदायों के बीच दुश्मनी के दलदल में बदल दिया है। अगर वे सत्ता में लौटते हैं, तो यह हमारे देश को नफरत का देश बना देंगे। बनर्जी ने दावा किया कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए पहले ही सभी हेलीकॉप्टर बुक कर लिए हैं ताकि कोई अन्य राजनीतिक दल प्रचार के लिए उनका इस्तेमाल न कर सके। बनर्जी ने कहा कि उन्होंने बंगाल में तीन दशक लंबे माकपा शासन को हराया था और अब वह लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराएंगी।

भाजपा की तैयारियां भी जोरों पर
आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा की तैयारियां भी जोरों पर हैं। लोकसभा चुनाव चाहें समय पह हों या उससे पहले भगवा पार्टी अभी से एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। राजनीतिक हलकों में मोदी सरकार की नौ साल की उपलब्धियों के प्रचार पर जोर को इसी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। 

अभी यह बातें सत्ता और सियासत के गलियारों में आम नहीं हुई हैं, लेकिन सत्ता के उच्च स्तर पर कुछ खास लोगों ने इस तरह के संकेत देने शुरू कर दिए हैं कि सरकार और भाजपा के शीर्षस्थ स्तर पर इसे लेकर न सिर्फ मंथन चल रहा है, बल्कि यह आकलन भी हो रहा है कि लोकसभा और चार राज्यों के विधानसभा चुनावों को साथ कराने में कितना सियासी फायदा या नुकसान है।

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ममता बनर्जी और नीतीश कुमार दोनों नेताओं की गिनती राजनीति के धुरंधरों में होती है और दोनों ने ही समय से पहले आम चुनाव होने की संभावना जताई है। अगर इन दोनों नेताओं के दावों में सच्चाई है तो अब सवाल यह उठता है कि क्या भाजपा तब ऐसा करने का जोखिम उठाएगी जबकि जनवरी 2024 में अयोध्या में रामजन्मभूमि मंदिर का उद्घाटन होना है और राम मंदिर का मुद्दा भाजपा के लिए बेहद अहम है। वह इसके जरिए जनता को अपने पक्ष में लामबंद करना चाहेगी। 

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