यज्ञ में बैठने लायक नहीं वो ब्रह्मकुमारी आश्रम में दो बहनों ने क्यों की आत्महत्या? सुसाइड नोट में लिखा सच

उत्तर प्रदेश के आगरा में ब्रह्मकुमारी आश्रम चलाने वाली दो सगी बहनों ने फंदे पर लटक कर अपनी जान दे दी। दोनों बहनों ने सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें कुछ लोंगों द्वारा सफेद कपड़ों के पीछे चलाने वाले काले साम्राज्य का काला चिट्ठा लिखा है। शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि आश्रम के पीछे अय्याशी का अड्डा भी होगा, लेकिन बहनों के सुसाइड नोट को पढ़कर लोगों की आंखें खुली की खुली रह गईं।
यज्ञ में बैठने लायक नहीं है
एकता ने सुसाइड नोट में लिखा है कि नीरज ने एक महिला के साथ मिलकर सेंटर के नाम पर 25 लाख रुपये हड़पे। इन रुपयों से नीरज ने अपना फ्लैट खरीद लिया। इस फ्लैट में अय्याशी करता है। रकम ठिकाने लगाने के बाद नीरज सेंटर बनवाने की अफवाह फैलाता रहा। ये लोग यज्ञ में बैठने लायक भी नहीं हैं। धन हड़पने और महिलाओं के साथ अनैतिक कार्य करने वाले लोग दबंगई दिखाते हैं और अपनी पहुंच का भय दिखाते हैं। यह कहते हैं कि कोई उनका कुछ नहीं कर सकता।
एक साल से तनाव में थीं बहनें
एकता ने सुसाइड नोट में लिखा है कि नीरज ने उनके साथ सेंटर में रहने का आश्वासन दिया था। सेंटर बनने के बाद बात करना बंद कर दिया। यहां तक कि दूसरे नंबरों से कॉल करने पर भी उनकी आवाज सुनते ही कॉल काट देता था। उसकी नीयत में खोट आ गया था। सुसाइड नोट में यौन उत्पीड़न जैसी बात कहीं नहीं लिखी है। कई बार लिखा है कि उन्हें गलत नहीं समझा जाए।
आखिरी बार माता-पिता से की बात
एकता और शिखा ने आत्महत्या से पहले रात नौ बजे के करीब पिता अशोक कुमार और मां विद्या देवी से बातचीत की थी। मां छोटे बेटे के साथ मथुरा में रहती हैं। दोनों ने सामान्य तरीके से बातें की थीं। उनकी बातों से मां- बाप को आत्मघाती कदम की भनक तक नहीं थी। वहीं रात आठ बजे आश्रम में रोजाना की तरह प्रार्थना भी करवाई गई थी।
