ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन के बाद भी आखिर क्यों दबदबा है मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कारों का, यहा समझें

ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन के बाद भी आखिर क्यों दबदबा है मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कारों का, यहा समझें
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एक तरफ ज्यादातर लोग हर क्षेत्र में एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के पीछे भाग रहे हैं. वहीं अगर हम ऑटोमोबाइल सेक्टर की बात करें, तो लोग अब भी सबसे जयादा भरोसा मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कारों पर करते हुए देखे जा सकते हैं. इसके अलावा और भी कारण हैं. जिनके बारे में हम आगे बताने जा रहे हैं ताकि अगर आप भी कार लेने की सोच रहे हों, तो बेहतर कार का चुनाव कर सकें.

मैनुअल ट्रांसमिशन पर भरोसा

मैनुअल ट्रांसमिशन पर हमारा पूरा कंट्रोल रहता है. आप कार की जरूरत के हिसाब से गियर डालना, निकलना, ब्रेक लगाना, सब कुछ कर सकते हैं. वो भी सही समय पर. जबकि आटोमेटिक कारों में आपको टेक्नोलॉजी पर निर्भर रहना पड़ता है और आटोमेटिक कारें AI पर काम करतीं है. जिससे किसी भी प्रोसेस को होने में थोड़ा समय लगता है.

कम मेंटिनेंस

आटोमेटिक कारों की तुलना में मैनुअल गियर वाली कारें रख रखाव के मामले में कम खर्चीली और आसान होती हैं. वहीं आटोमेटिक कारों का मेंटिनेंस महंगा होने के साथ-साथ रख रखाव भी ज्यादा करना पड़ता है. इसीलिए भारत में बजट कारों का दबदबा बना हुआ है. क्योंकि ये कारें लोगों के बजट में बनी रहती हैं.

टाइमिंग में अंतर

आटोमेटिक कार टेक्नोलॉजी पर बेस्ड होने के कारण किसी भी फंक्शन को करने में समय लेती है, जिससे लोग इन कारों में इतना सुरक्षित महसूस नहीं करते. लेकिन मैनुअल कार में सब कुछ आपके हाथ में होता है. इससे कार ड्राइव करते वक्त सुरक्षित होने का अहसास रहता है. ऊपर से हर जगह लगातार बढ़ती वाहनों की संख्या के कारण दुर्घटनाओं में भी बढ़ोत्तरी हो रही है. जिसकी वजह लोग सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मैनुअल कार लेना ज्यादा पसंद करते हैं.

कीमत में फर्क

आटोमेटिक कारों के मुकाबले मैनुअल ट्रांसमिशन वालीं कारें कीमत के मामले में काफी किफायती होती है. जबकि भारत में बिक्री होने वाली कारों के आंकड़े को देखें, तो सबसे ज्यादा बिक्री बजट कारों की होती है. इससे पता चलता है कि आटोमेटिक कारों को खरीदने में बजट भी एक महत्वपूर्ण कारण है.

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