सांप को देखते ही क्यों भड़क जाता है नेवला, जानिए क्या है सदियों से चली आ रही इस दुश्मनी की वजह
इंसानों के बीच दुश्मनी होना आम हैं, जो उनके बात-व्यवहार की वजह से होती है। लेकिन आपने देखा होगा कि कुछ जानवरों के बीच भी कट्टर दुश्मनी होती है जो खुद कुदरत ने बनाकर भेजी है। इसमें मोर और सांप, चूहे और बिल्ली की दुश्मनी मशहूर हैं। वहीं सांप और नेवले के बीच भी दुश्मनी होती है। आपने भी कभी न कभी इनको आपस में लड़ते हुए देखा होगा। सांप और नेवले की लड़ाई में कफी सांप बाजी मार ले जाता है तो कभी नेवला भारी पड़ता है। हालांकि, ज्यादातर सांप नेवले के आगे अधिक देर तक टिक नहीं पाता है। लेकिन क्या कभी आपने ये सोचा है कि आखिर सांप और नेवले के बीच की दुश्मनी के पीछे की वजह क्या है? अगर आप इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो आइए आपको बताते हैं आखिर इस खूनी लड़ाई के पीछे क्या वजह है।
सांप और नेवला के बीच क्यों है कट्टर दुश्मनी?
सांप और नेवले की लड़ाई देखने के बाद सभी के मन में ये सवाल जरूर आता है कि आखिर इन दोनों के बीच किस बात की दुश्मनी है। ऐसे में लोग इंटरनेट पर भी ये सर्च करने की कोशिश करते हैं कि सांप और नेवले के बीच दुश्मनी क्यों है? जिस पर अलग-अलग तरह के जवाब भी मिलते हैं।
ऐसे में कुछ यूज़र्स ने बताया कि सांप और नेवला प्राकृतिक तौर पर दुश्मन हैं। दोनों एक दूसरे को इसलिए मारना चाहता है ताकि वो खुद जिंदा रह सके। लेकिन असल में इन दोनों जानवरों के बीच दुश्मनी इस बात को लेकर है कि सांप हमेशा नेवले के बच्चों का शिकार कर लेता है क्योंकि उसे ये खाने के तौर पर काफी पसंद होते हैं। यही कारण है कि नेवला अपने बच्चों की रक्षा के लिए सांप को देखते ही उसपर हमला कर देता है।
नेवले पर असर नहीं करता सांप का जहर?
कई लोगों में इस तरह की भ्रांति है कि भारतीय भूरे रंग वाले नेवले पर सांप के ज़हर का कोई असर नहीं होता है। लेकिन असल में ये सच नहीं है। अगर सांप नेवले को काट ले, तो उस पर जहर का असर कुछ समय बाद होता है।
ऐसा इसलिए होता है कि क्योंकि नेवले के शरीर में एसिट्लोक्लिन रिफ्लेक्स होता है, जो सांप के जहर में मौजूद न्यूरोटॉक्सिन से उसे बचा लेता है। हालांकि नेवला सांप से अधिक फुर्तीला होता है, ऐसे में वह कई मामलों में सांप से खुद को बचा भी लेता है।