मम्स एवं मौसमी बिमारीयों की रोकथाम के लिये स्कूलो की प्रार्थना सभा में देंगे जानकारी
राजसमंद (राव दिलीप सिंह)चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग एवं स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निर्देश जारी किये गये है कि मम्स रोग एवं अन्य मौसमी बिमारीयों डेंगू व मलेरिया रोकथाम के लिये बच्चो को सभी सरकारी एवं निजी स्कूलो में प्रार्थना सभा में संदेश दिया जायेगा।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह एवं शासन सचिव स्कूल शिक्षा कृष्ण कुणाल ने आदेश जारी कर निर्देशित किया है कि सभी राजकीय व निजी विद्यालयों की प्रार्थना सभा में मम्स रोग, डेंगू व मलेरिया से बचाव व नियंत्रण संबधी संदेश प्रसारित किये जायेंगे।
मम्स रोग अधिकतर बच्चो में होता है, यह एक वायरल संक्रामक रोग है जो संक्रमित रोगी के खांसने, छींकने या लार से सीधे संपर्क में आने से फैलता है। रोगी में मुख्यतः बुखार, एक या दोनो लार गं्रथी में दर्द व सूजन आना, मांसपेशियो में दर्द, सरदर्द व भूख नही लगने जैसे लक्षण पाये जाते है किन्तु रोग की जटिलता होने पर अंडकोष, स्तन, मस्तिष्क, अंडाशय, अग्नाशय, रीढ की हड्डी के उतक में सूजन हो सकती है एवं दुर्लभ स्थिति में बहरापन भी हो सकता है। विद्यालय प्रशासन द्वारा किसी बच्चे में लक्षण पाये जाने पर उसे चिकित्सकीय परामर्श अनुसार घर पर रहने हेतु सलाह देने के लिये भी निर्देशित किया गया है।
डेंगू व मलेरिया रोग का प्रसार संक्रमित मच्छर के काटने से होता है। डेंगू रोग होने पर रोगी को अचानक तेज सिर दर्द व बुखार, मांसपेशियो व जोड़ो में दर्द , आंखो के पीछे दर्द, जी ‘- मिचलाना व उल्टी होना है, गम्भीर मामलो में नाक,मुंह व मसूड़ो से खून आना अथवा त्वचा पर चकते उभरते है।
मलेरिया रोग के प्रमुख लक्षण सर्दी व कंपन के साथ बुखार का आना, तेज बुखार व सरदर्द होना , बुखार उतरने समय बदन का पसीना - पसीना होना। डेंगू व मलेरिया रोग से बचाव के लिये बदन पर पूरे कपडे़ पहनने, मच्छर रोधी जालीदार खिड़की व दरवाजे का उपयोग, सोते समय मच्छरदानी यसा मच्छर रोधी क्रीम/कॉयल का उपयोग। मच्छर पैदा नही हो इसके लिये पानी के सभी पात्रो को पूरी तरह ढंककर रखे,सप्ताह में एक बार आवश्यक रूप से पात्र को खाली कर सुखाकर ही पानी भरना। घर में टूटे बर्तनो, टायरो आदि कबाड़ में पानी जमा न होने दे।