2024 के लिए विपक्ष होगा एकजुट? अधिवेशन में तय करेगी कांग्रेस

2024 के लिए विपक्ष होगा एकजुट? अधिवेशन में तय करेगी कांग्रेस
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नई दिल्ली. कांग्रेस ने रविवार को कहा कि 24 फरवरी से शुरू हो रहे पार्टी के तीन दिवसीय पूर्ण अधिवेशन में 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी एकजुटता के संदर्भ में चर्चा की जाएगी एवं आगे का रुख तय किया जाएगा. हालांकि, उसने इस बात पर भी जोर दिया कि उसकी मौजूदगी के बिना देश में विपक्षी एकता की कोई भी कवायद सफल नहीं हो सकती. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान का स्वागत किया और कहा कि जनता दल (यूनाइटेड) के शीर्ष नेता ने कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ (Bharat Jodo Yatra) के प्रभाव को स्वीकार किया है.

नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा था कि कांग्रेस को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से बने माहौल का लाभ उठाते हुए भाजपा विरोधी दलों को एकजुट कर गठबंधन बनाना चाहिए और अगर ऐसा हो गया तो 2024 के लोकसभा चुनाव में अभी 300 से ज्यादा सीट वाली भारतीय जनता पार्टी को 100 से भी कम सीट पर समेटा जा सकता है. कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल, रमेश और पार्टी के कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी अधिवेशन के बारे में कुछ ब्योरा सामने रखा.

वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति (Congress Working Committee) के चुनाव के संदर्भ में 24 फरवरी को पार्टी की संचालन समिति की बैठक में फैसला होगा. नीतीश कुमार के बयान के संदर्भ में वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘हमने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान समान विचार वाले दलों को आमंत्रित किया. ज्यादातर दल आए. संसद सत्र के दौरान अडाणी समूह के मामले में विपक्षी दलों को साथ लिया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अधिवेशन एक ऐसा मंच होगा, जहां इस पर चर्चा होगी. निश्चित तौर पर इस बारे में (नेतृत्व) का निर्देश आएगा.’’

विपक्ष की एकता जरूरी
रमेश ने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि विपक्ष की एकता जरूरी है. लेकिन विपक्ष की एकता के लिए यात्रा नहीं निकाली गई थी, यह इसका परिणाम हो सकता है. अधिवेशन में इस पर विचार होगा. यह क्या रूप लेगा, हम नहीं कह सकते.’’ उन्होंने कहा, ‘‘नीतीश कुमार जी के बयान का हम स्वागत करते हैं, क्योंकि उन्होंने माना है कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का असर न सिर्फ कांग्रेस पर, बल्कि भारतीय राजनीति पर हुआ है. यह भारतीय राजनीति के लिए परिवर्तनकारी क्षण है, यह उन्होंने स्वीकारा है.’’

रमेश ने कहा, ‘‘हम अपनी भूमिका अच्छी तरह जानते हैं. कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसने भाजपा के साथ कहीं भी समझौता नहीं किया है.’’ उन्होंने किसी पार्टी का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘कई पार्टी हैं, जो मल्लिकार्जुन खरगे जी के साथ बैठक में आती हैं, लेकिन उनकी क्रिया सत्तापक्ष के साथ नजर आती है. हमारे दो चेहरे नहीं हैं. हम चाहते हैं कि अडाणी के मामले पर जेपीसी की जांच हो.’’

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